TRENDING TAGS :
Sharda Sinha Death: मैं जल्द आऊंगी.., पति के निधन के बाद शारदा सिन्हा ने किया था पोस्ट
Sharda Sinha Death: स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मंगलवार शाम को नई दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली थी।
Sharda Sinha Death: बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मंगलवार शाम को नई दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली थी। शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमन सिन्हा ने उनके निधन की पुष्टि की थी। बुधवार सुबह इंडिगो फ्लाइट से लोकगायिका के पार्थिव शरीर को पटना लाया गया। बुधवार को पटना में आवास पर लोकगायिका शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के रखा जाएगा। सात नवंबर (गुरूवार) को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
पति बृजकिशोर सिन्हा के निधन के बाद टूट गई थीं लोकगायिका
बीते सितंबर माह में लोकगायिका शारदा सिन्हा के पति बृजकिशोर सिन्हा का निधन हो गया था। पति के निधन होने के बाद से ही लोकगायिका की तबीयत बिगड़ने लगी थी। पति के निधन के बाद वह पूरी तरह से टूट गयी थी। 54 साल के गृहस्थ जीवन में दोनों के बीच अटूट प्रेम था। लोकगायिका शारदा सिन्हा पति के गुजरने के बाद महज डेढ़ महीने ही जीवित रहीं। कुछ दिनों तक वह पति के न होने का गम के दर्द को सोशल मीडिया पर साझा करती रहीं।
इसका प्रमाण पति के निधन के बाद फेसबुक पर किया हुआ उनका पोस्ट है। फेसबुक पोस्ट में शारदा सिन्हा ने लिखा था कि उनके पति उनके जन्मदिन पर सुबह-सुबह उनके सिरहाने गुलाब के फूल रख देते थे। यह पोस्ट इसी साल अक्टूबर माह में सिंगर शारदा सिन्हा ने किया था। इस पोस्ट को शारदा सिन्हा ने पति बृजकिशोर सिन्हा के निधन के बाद लिखा था। लोकगायिका ने इसी पोस्ट में पति बृजकिशोर को याद करते हुए यह भी लिखा था कि मैं जल्द आऊंगी। शारदा सिन्हा के निधन के बाद यह पोस्ट काफी वायरल हो रहा है और लोग उन्हें श्रद्धांजलि भी दे रहे हैं।
आज का दिन बहुत भारीः शारदा
फेसबुक पर शेयर किये गये पोस्ट में गायिका शारदा सिन्हा ने लिखा था कि 17 सितंबर को उनसे अंतिम बार मुलाकात हुई। जब मैंने उनसे कहा था कि तीन दिन बाद मैं लौट आऊंगी। आप अपना ध्यान दीजिएगा। तब उन्होंने जवाब देते हुए कहा था कि मैं ठीक हूं। आप स्वस्थ रहिए और जल्द ही लौट आइएगा। ढबढबाती आंखे मुझे आखिरी बार देख रही थी यह कौन जानता था। आज का दिन बहुत ही भारी है।
उन्होंने आगे लिखा था कि सिन्हा साहब की मौजूदगी का एहसास मेरे साथ ही दोनों बच्चों वंदना और अंशुमन को भी है। उन्हें भी ऐसा लगता है कि पिताजी कहीं गए हैं, लौट आयेंगे। यह चीरता सन्नाटा, शूल सी चुभन, ह्दय जैसे फट कर बाहर आ जाएगा। उन्होंने लिखा था कि बिना सिन्हा साहब के ये दिन मुझे शूल सा गड़ रहा है। ये कौन सा तोहफा दिये हैं सिन्हा साहब।