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IAS Ashok Khemka: कौन हैं आईएएस अशोक खेमका, 33 साल में 57 बार हुआ ट्रांसफर, जानें वजह
IAS Ashok Khemka: अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। अशोक खेमका का जन्म 30 अप्रैल 1965 को हुआ था।
IAS Ashok Khemka: आईएएस अधिकारी अशोक खेमका इन दिनों काफी चर्चा में हैं। आईएएस खेमका अपनी अद्वितीय प्रशासनिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। वह हरियाणा के तेज तर्रार आईएएस अधिकारियों में से एक हैं। इसी के चलते अशोक खेमका की 33 साल के प्रशासनिक सेवा के दौरान अब तक 57 बार तबादला हो चुका है। जोकि एक आईएएस अधिकारी के प्रशासनिक करियर में रिकॉर्ड ही है। सेवानिवृत्त आईएएस प्रदीप कासनी के बाद हरियाणा में अशोक खेमका दूसरे सबसे अधिक स्थानांतरित होने वाले नौकरशाह हैं। सेवानिवृत्ति से पांच माह पूर्व अशोक खेमका का एक बार फिर स्थानांतरण कर दिया गया है। उन्हें परिवहन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है। आइए जानते हैं आईएएस अशोक खेमका के करियर की जर्नी।
आईएएस अशोक खेमका कौन हैं?
अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। अशोक खेमका का जन्म 30 अप्रैल 1965 को हुआ था। साल 1988 में अशोक खेमका ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। आईएएस खेमका ने टीआईएफआर से कंप्यूटर विज्ञान में पीएचडी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में एमबीए किया। सिविल सेवा परीक्षा क्रेक करने के बाद खेमका को हरियाणा कैडर में आईएएस के लिए चुना गया।
प्रशासनिक करियर के दौरान खेमका को हरियाणा में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा बार-बार स्थानांतरित किया गया। इसके पीछे वजह यह रही कि उन्होंने अपने विभागों में भ्रष्टाचार को उजागर किया। यदि आईएएस अशोक खेमका की सर्विस का औसत निकाला जाए तो लगभग हर छह माह के अंतराल में उनका स्थानांतरण किया गया।
उनकी ईमानदारी के चलते उन्हें कई बार मुश्किल परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद भी वह कभी भी सच्चाई के रास्ते से भटके नहीं। उन्होंने अपनी प्रशासनिक सेवा के दौरान कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया। जिसके चलते उन्हें कई बार कठिन दौर से गुजरना पड़ा। लेकिन इसके बाद भी आईएएस अशोक खेमका ने कई विभागों में कार्य के दौरान सरकारी नीतियों को सख्ती से लागू कराया।
जब बड़े कारोबारी घरानों के खिलाफ लड़ी भ्रष्टाचार के खिलाफ
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए जमीन के सौदे में अनियमितता का मामला उजागर किया। इस सौदे को आईएएस खेमका ने रद्द करने का आदेश दे दिया। इसके बाद अशोक खेमका को सत्ताधारी दल और बड़े कारोबारी घरानों के विरोध का सामना करना पड़ा था।