TRENDING TAGS :
कुपवाड़ा और नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार को गोद लेंगे IAS अधिकारी
नई दिल्ली : पिछले दिनों में देश में आतंकी हमले और नक्सली हमले ने कहर बरपाया है। सुकमा में बीते सोमवार को नक्सलियों ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया था। जिसमें 25 जवान शहीद हुए थे। ये सभी जवान सीआरपीएफ 74 बटालियन के थे। वहीं जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में गुरुवार को सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले में तीन जवान शहीद हुए थे।
यह भी पढ़ें...छत्तीसगढ़: CRPF के 25 जवान शहीद, PM बोले- बेकार नहीं जाएगी जवानों की शहादत
एक ओर जहां सरकार ने इन हमलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और शहीदों के परिवार को मुआवजा देने का ऐलान किया वहीं देश के आईएएस अफसरों ने शहीदों के परिवारवालों के लिए एक बडा़ कदम उठाया है। अधिकारियों ने अपने फैसले के तहत यह निर्णय लिया है की वह खुद शहीद हुए जवानों के परिवारों को गोद लेंगे ताकि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और सरकार की तरफ से रुकी हुई वित्तीय सहायता और मुआवजा मिल सके।
आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर...
इस दिशा में संस्थागत व्यवस्था का प्रस्ताव रखते हुए असोसिएशन ऑफ आईएएस ऑफिसर ने कहा कि सभी आईएएस अधिकारी एक शहीद जवान के परिवार को गोद लेंगे और 5-10 साल के बीच उनका सहारा बनेंगे।
यह भी पढ़ें...कुपवाड़ा में आर्मी कैंप पर हमला, कैप्टन समेत 3 जवान शहीद, 2 आतंकी ढेर
इंडियन सिविल ऐंड ऐडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस(सेंट्रल) असोसिएशन के मानद सेक्रटरी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि अधिकारियों को गोद लिए परिवार को प्रत्यक्ष मदद देने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उनका सहारा बनकर उन्हें महसूस करना होगा की इस संकट घड़ी में देश उनके साथ है।
यह भी पढ़ें...सुकमा में शहीद हुए CRPF जवानों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाएंगे गौतम गंभीर
इस पहल की शुरुआत में पिछले 4 बैच के 600-700 युवा अधिकारियों से एक परिवार को गोद लेने को कहा गया है। ये अधिकारी अपने इलाके के शहीद जवान के परिवार से संपर्क करेंगे और उन्हें पेंशन, ग्रैचुटी और अन्य दूसरे काम जैसे बच्चों के स्कूल ऐडमिशन, नौकरी, विशेष ट्रेनिंग जैसे मामलों में मदद करेंगे। वहीं अगर शहीद हुए जवान का परिवार किसी स्टार्ट-अप में रुचि लेगा तो अधिकारी वित्तीय संस्थान के जरिए मदद दिलाने की कोशिश करेंगे।