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Pooja Khedkar: बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पूजा ने एमबीबीएस में दाखिले के समय किया था फिट होने का दावा, अब बोलीं-कमेटी के सामने रखूंगी पक्ष

Pooja Khedkar: पूजा खेडकर ने पूरे मामले में पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जो भी आरोप उन पर लगाए गए हैं उनके बारे वे केंद्रीय समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेंगी जिससे सच्चाई सामने आ जाएगी

Ashish Kumar Pandey
Published on: 15 July 2024 9:34 PM IST (Updated on: 15 July 2024 9:40 PM IST)
Pooja Khedkar ( Social -Media- Photo)
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Pooja Khedkar ( Social -Media- Photo) 

Pooja Khedkar: भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। उन्हें लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। 2023 बैच की आईएएस अफसर अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाने को लेकर विवाद में फंस गईं हैं तो वहीं इस बीच नई जानकारी सामने आई है। इसमें बताया गया है कि पूजा ने 2007 में एमबीबीएस में नॉन-क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आरक्षित खानाबदोश जनजाति-3 श्रेणी के तहत कॉलेज में सीट हासिल की थी। पुणे में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद भोरे ने यह बताया है।

बोलीं- कमेटी के सामने रखूंगी अपना पक्ष

इस बीच, पहली बार पूजा खेडकर ने पूरे मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि जो भी आरोप उन पर लगाए गए हैं उनके बारे वे केंद्रीय समिति के सामने अपना पक्ष रखेंगी। जिससे सच्चाई सामने आ जाएगी। पूजा ने कहा, मैं समिति के सामने गवाही दूंगी। मुझे लगता है कि समिति जो भी निर्णय लेगी वह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।

जांच के बारे में बताने का कोई अधिकार नहीं

उन्होंने कहा कि एक प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में मेरा ध्यान काम करके सीखने पर है और मैं यही कर रही हूं। मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। सरकार की बनाई गई समिति के विशेषज्ञ इस पर निर्णय लेंगे। न तो मैं, न ही आप (मीडिया) या जनता इस पर फैसला कर सकती है। समिति का निर्णय सार्वजनिक होगा और जांच के लिए खुला होगा। अभी मुझे आपको चल रही जांच के बारे में बताने का कोई अधिकार नहीं है।खुद को निशाना बनाए जाने के सवाल पर पूजा ने जवाब दिया कि साफ दिख रहा है कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मीडिया ट्रॉयल पर उन्होंने कहा कि ऐसा करना पूरी तरह से गलत है।

मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट में नहीं था किसी भी तरह की विकलांगता का जिक्र

काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद भोरे ने बताया कि 2007 में जब पूजा खेडकर हमारे कॉलेज में शामिल हुईं, तब उन्होंने जो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जमा किया था, उसमें किसी भी शारीरिक या मानसिक विकलांगता का जिक्र नहीं था। भोरे ने यह भी बताया कि पूजा खेड़कर ने एसोसिएशन ऑफ मैनेजमेंट ऑफ अनएडेड प्राइवेट मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज ऑफ महाराष्ट्र (एएमयूपीडीएमसी) प्रवेश परीक्षा में 200 में 146 अंक प्राप्त किए थे। वह 2007 में कॉलेज के पहले बैच में नामांकित थी। भोरे ने कहा कि उन्होंने सीईटी परीक्षा भी दी थी, लेकिन एएमयूपीडीएमसी परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने के आधार पर सीट दी गई थी। भोरे ने कहा कि पूजा ने प्रवेश के समय खानाबदोश समुदाय की एनटी-3 श्रेणी का गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। सभी दस्तावेजों की जांच की गई और पाया गया कि ये प्रामाणिक सरकारी रिकॉर्ड हैं जो अहमदनगर जिले के प्राधिकारी ने जारी किया था।

समिति करेगी जांच

प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसमें कथित तौर पर खुद को शारीरिक विकलांगता और ओबीसी श्रेणियों के तहत गलत तरीके से पेश करना भी शामिल है। इस बीच, एक अधिकारी ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने और फिर सेवा में चयन के लिए उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों की केंद्र द्वारा गठित एकल सदस्यीय समिति द्वारा फिर से जांच की जाएगी।

आरटीआई कार्यकर्ता ने उठाए हैं सवाल

पुणे आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने खेडकर की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि पूजा ओबीसी गैर-क्रीमी लेयर में नहीं आती हैं क्योंकि उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है। नियमतः केवल वे ही ओबीसी गैर-क्रीम लेयर श्रेणी में आते हैं, जिनके माता-पिता की आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है। पूजा के पिता ने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था और हलफनामे में 40 करोड़ रुपये की अनुमानित संपत्ति और 49 लाख रुपये की वार्षिक आय दिखाई है। इससे सवाल उठता है कि पूजा खेड़कर ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी में कैसे आ सकती हैं। इस बात की विस्तृत जांच होनी चाहिए कि उन्हें उस श्रेणी में आईएएस अधिकारी के रूप में कैसे नियुक्त किया गया।

पिस्तौल से धमकाने के मामले में पुलिस से भाग रही हैं पूजा की मां मनोरमा

पूजा खेडकर के विवादों में आने के बाद उनकी मां मनोरमा खेड़कर की दबंगई भी सुर्खियों में है। मनोरमा का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह पिस्तौल लेकर ग्रामीण को धमकाती नजर आ रही हैं। इस मामले में मनोरमा और उनके पति पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दिलीप खेड़कर सहित 5 लोगों पर मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की गई है। लेकिन मनोरमा पुलिस की पकड़ में नहीं आ रही हैं। सोमवार को पुणे (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने कहा कि आरोपी भाग रहे हैं और उनके फोन बंद हैं। हम उनके आवास पर गए लेकिन वहां भी नहीं मिले। क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस स्टेशनों की कई टीम गठित कर पुणे के आसपास के उनके फार्म हाउस और अन्य स्थानों पर दबिश दी जा रही है।



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Shalini Rai

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