Pooja Khedkar: आईएएस पूजा खेडकर की बढ़ीं और मुश्किलें, ट्रेनिंग को किया गया रद्द

Pooja Khedkar: उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उनका महाराष्ट्र ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है।

Rajnish Verma
Published on: 16 July 2024 11:56 AM GMT (Updated on: 16 July 2024 2:54 PM GMT)
Pooja Khedkar: आईएएस पूजा खेडकर की बढ़ीं और मुश्किलें, ट्रेनिंग को किया गया रद्द
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Pooja Khedkar: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर विवादों में हैं, अब उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी ने उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें तत्काल वापस बुलाने के लिए पत्र भी जारी किया है। बता दें कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर अपनी निजी ऑडी कार में लाल-नीली बत्ती लगाने को लेकर विवादों में फंस गईं थीं, लेकिन अब हर रोज नए-नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। वह 2023 बैच की आईएएस अफसर हैं।

उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उनका महाराष्ट्र ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है। अकादमी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का निर्णय लिया है। आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है। आप यथाशीघ्र, किन्तु किसी भी परिस्थिति में 23 जुलाई, 2024 के बाद अकादमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है।

मेडिकल कॉलेज में भी आरक्षण के तहत सीट हासिल की थी

बता दें कि पूजा ने 2007 में एमबीबीएस में नॉन-क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आरक्षित खानाबदोश जनजाति-3 श्रेणी के तहत कॉलेज में सीट हासिल की थी। पुणे में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद भोरे ने यह बताया है। इस बीच, पहली बार पूजा खेडकर ने पूरे मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोमवार को कहा था कि जो भी आरोप उन पर लगाए गए हैं उनके बारे वे केंद्रीय समिति के सामने अपना पक्ष रखेंगी। जिससे सच्चाई सामने आ जाएगी। पूजा ने कहा, मैं समिति के सामने गवाही दूंगी। मुझे लगता है कि समिति जो भी निर्णय लेगी वह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।

जांच के बारे में बताने का कोई अधिकार नहीं

उन्होंने कहा कि एक प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में मेरा ध्यान काम करके सीखने पर है और मैं यही कर रही हूं। मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। सरकार की बनाई गई समिति के विशेषज्ञ इस पर निर्णय लेंगे। न तो मैं, न ही आप (मीडिया) या जनता इस पर फैसला कर सकती है। समिति का निर्णय सार्वजनिक होगा और जांच के लिए खुला होगा। अभी मुझे आपको चल रही जांच के बारे में बताने का कोई अधिकार नहीं है।खुद को निशाना बनाए जाने के सवाल पर पूजा ने जवाब दिया कि साफ दिख रहा है कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मीडिया ट्रॉयल पर उन्होंने कहा कि ऐसा करना पूरी तरह से गलत है।

सर्टिफिकेट में भी नहीं था विकलांगता का जिक्र

काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद भोरे ने बताया कि 2007 में जब पूजा खेडकर हमारे कॉलेज में शामिल हुईं, तब उन्होंने जो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जमा किया था, उसमें किसी भी शारीरिक या मानसिक विकलांगता का जिक्र नहीं था। भोरे ने यह भी बताया कि पूजा खेड़कर ने एसोसिएशन ऑफ मैनेजमेंट ऑफ अनएडेड प्राइवेट मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज ऑफ महाराष्ट्र (एएमयूपीडीएमसी) प्रवेश परीक्षा में 200 में 146 अंक प्राप्त किए थे। वह 2007 में कॉलेज के पहले बैच में नामांकित थी। भोरे ने कहा कि उन्होंने सीईटी परीक्षा भी दी थी, लेकिन एएमयूपीडीएमसी परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने के आधार पर सीट दी गई थी। भोरे ने कहा कि पूजा ने प्रवेश के समय खानाबदोश समुदाय की एनटी-3 श्रेणी का गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। सभी दस्तावेजों की जांच की गई और पाया गया कि ये प्रामाणिक सरकारी रिकॉर्ड हैं जो अहमदनगर जिले के प्राधिकारी ने जारी किया था।

समिति करेगी जांच

प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसमें कथित तौर पर खुद को शारीरिक विकलांगता और ओबीसी श्रेणियों के तहत गलत तरीके से पेश करना भी शामिल है। इस बीच, एक अधिकारी ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने और फिर सेवा में चयन के लिए उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों की केंद्र द्वारा गठित एकल सदस्यीय समिति द्वारा फिर से जांच की जाएगी।

आरटीआई कार्यकर्ता ने उठाए सवाल

पुणे आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने खेडकर की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि पूजा ओबीसी गैर-क्रीमी लेयर में नहीं आती हैं क्योंकि उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है। नियमतः केवल वे ही ओबीसी गैर-क्रीम लेयर श्रेणी में आते हैं, जिनके माता-पिता की आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है। पूजा के पिता ने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था और हलफनामे में 40 करोड़ रुपये की अनुमानित संपत्ति और 49 लाख रुपये की वार्षिक आय दिखाई है। इससे सवाल उठता है कि पूजा खेड़कर ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी में कैसे आ सकती हैं। इस बात की विस्तृत जांच होनी चाहिए कि उन्हें उस श्रेणी में आईएएस अधिकारी के रूप में कैसे नियुक्त किया गया।

सवालों से बच रहीं पूजा की मां मनोरमा

पूजा खेडकर के विवादों में आने के बाद उनकी मां मनोरमा खेड़कर की दबंगई भी सुर्खियों में है। मनोरमा का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह पिस्तौल लेकर ग्रामीण को धमकाती नजर आ रही हैं। इस मामले में मनोरमा और उनके पति पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दिलीप खेड़कर सहित 5 लोगों पर मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की गई है। लेकिन मनोरमा पुलिस की पकड़ में नहीं आ रही हैं। सोमवार को पुणे (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने कहा कि आरोपी भाग रहे हैं और उनके फोन बंद हैं। हम उनके आवास पर गए लेकिन वहां भी नहीं मिले। क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस स्टेशनों की कई टीम गठित कर पुणे के आसपास के उनके फार्म हाउस और अन्य स्थानों पर दबिश दी जा रही है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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