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ICMR Guidelines: आधे से ज्यादा बीमारियाँ खराब आहार के कारण, सेहत के लिए नई गाइडलाइन्स जारी
ICMR Guidelines: संस्थान ने कहा है कि स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि से कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) और हाई ब्लड प्रेशर के एक बड़े अनुपात को कम किया जा सकता है।
ICMR Guidelines: भारत में कुल बीमारियों में से आधी की वजह गैरसेहतमंद भोजन है। इसे कैसे सुधारा जाये और क्या डाइट ली जाए, इसके बारे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय पोषण संस्थान (आईसीएमआर-एनआईएन) ने सत्रह बिन्दुओं की अपडेट गाइडलाइन जारी की है।
हैदराबाद स्थित भारतीय पोषण संस्थान ने कहा है कि समय से पहले होने वाली मौतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर टाला जा सकता है। संस्थान ने कहा है कि स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि से कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) और हाई ब्लड प्रेशर के एक बड़े अनुपात को कम किया जा सकता है। इसके अलावा टाइप 2 मधुमेह को 80 फीसदी तक रोका जा सकता है। संस्थान ने गैर-संचारी रोगों का जिक्र करते हुए कहा है कि 5 से 9 वर्ष की आयु के 34 प्रतिशत बच्चे हाई ट्राइग्लिसराइड्स से पीड़ित हैं।
कहा कहा है संस्थान ने?
- संतुलित आहार के महत्व पर जोर देते हुए भारतीयों के लिए आहार गाइडलाइन्स में ख़ास तौर पर शक्कर और फैट से भरपूर अत्यधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है और कहा गया है कि कम शारीरिक गतिविधि और विविध खाद्य पदार्थों तक सीमित पहुंच के कारण भारतीयों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी, अधिक वजन और मोटापे की समस्या बढ़ गई है।
- रिसर्च से पता चला है कि अस्वास्थ्यकर, अत्यधिक प्रोसेस्ड, उच्च फैट, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थ सेहतमंद भोजन विकल्पों की तुलना में अधिक किफायती और सुलभ हो गए हैं।
क्या है आहार गाइडलाइन्स में?
- दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए कम से कम 30 से 45 मिनट की मध्यम तीव्रता की शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। बच्चों में प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट की नियमित शारीरिक गतिविधि से अधिक वजन और मोटापे को रोका जा सकता है।
- दिशानिर्देशों में ‘दिन की मेरी थाली’ के लिए कम से कम आठ तरह के खाद्य पदार्थों से मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स प्राप्त करने की सिफारिश की गई है, जिसमें सब्जियां, फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, जड़ें और कंद अनिवार्य रूप से प्रति दिन लेना है। ये सब चीजें थाली का आधा हिस्सा होना चाहिए।
- थाली के अन्य प्रमुख हिस्से में अनाज और बाजरा हैं। इसकी साथ दालें, मांस खाद्य पदार्थ, अंडे, नट्स, तिलहन और दूध या दही हैं।
- अनाज का सेवन कुल ऊर्जा का 45 फीसदी तक सीमित होना चाहिए, जबकि दालों, अंडे और मांस खाद्य पदार्थों के लिए, कुल ऊर्जा प्रतिशत लगभग 14 से 15 फीसदी होना चाहिए।
- कुल फैट का सेवन 30 फीसदी ऊर्जा से कम या उसके बराबर होना चाहिए।
- नट्स, तिलहन, दूध और दूध उत्पादों को क्रमशः प्रति दिन कुल ऊर्जा का 8 से 10 फीसदी योगदान देना चाहिए।
- अनाज प्रति दिन कुल ऊर्जा का 50 से 70 फीसदी योगदान देता है।
- दालें, मांस, मुर्गी और मछली प्रतिदिन कुल ऊर्जा सेवन में 6 से 9 फीसदी का योगदान करते हैं, जबकि इन खाद्य पदार्थों से कुल ऊर्जा का अनुशंसित सेवन स्तर 14 फीसदी है।
- बॉडी बिल्डिंग के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट लेने से बचना चाहिए।
- नमक का सेवन सीमित कर देना चाहिए।
- तेल और फैट का सेवन कम कर देना चाहिए।
- मोटापे को रोकने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाना चाहिए।
- नियमित रूप से उचित व्यायाम का रूटीन बनाए रखना चाहिए।
- अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।
- खाद्य लेबल पर दी जानकारी जरूर पढ़ना चाहिए ताकि स्वस्थ भोजन विकल्प के बारे में निर्णय ले सकें।
- लोगों को आयोडीन युक्त नमक का सेवन करने की सलाह दी गयी है, अतिरिक्त नमक का सेवन प्रति दिन अधिकतम 5 ग्राम तक सीमित रखा है और लोगों से कम उम्र से ही कम नमक वाले खाद्य पदार्थों के प्रति स्वाद विकसित करने का आग्रह किया है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने रिपोर्ट जारी की और कहा कि पिछले दशकों में भारतीयों की आहार संबंधी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिससे गैर-संचारी रोगों की व्यापकता में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ये ताजा आहार दिशानिर्देश अब प्रासंगिक हैं।