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आइडियाज ऐंड इनोवेशन्स ऑफ यंग इंडिया: नवाचार के लिए 31 छात्रों को मिला अवार्ड
भोपाल की रहने वाली छठवीं की छात्रा अनुष्का श्रीवास्तव को जब पता चला कि प्लास्टिक की पानी की बोतलों को दोबारा उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है तो उसने ईको-फ्रेंडली बोतल बनाने की ठान ली। जानकारियां जुटानी शुरू कि तो उसने पाया कि नारियल के छिलकों की दो परतों के बीच खास काई का उपयोग करके और अंदरूनी हिस्से में खस की परत लगाकर ऐसी बोतल बनायी जा सकती है।
उमाशंकर मिश्रा
नई दिल्ली: भोपाल की रहने वाली छठवीं की छात्रा अनुष्का श्रीवास्तव को जब पता चला कि प्लास्टिक की पानी की बोतलों को दोबारा उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है तो उसने ईको-फ्रेंडली बोतल बनाने की ठान ली। जानकारियां जुटानी शुरू कि तो उसने पाया कि नारियल के छिलकों की दो परतों के बीच खास काई का उपयोग करके और अंदरूनी हिस्से में खस की परत लगाकर ऐसी बोतल बनायी जा सकती है। इन चीजों को जोड़ने के लिए उड़द दाल, गुड़ और विनेगर के मिश्रण का उपयोग किया गया है। नारियल के
छिलके जल प्रतिरोधक होते हैं, काई ऊष्मारोधी के रूप में कार्य करती है और खस की वजह से पानी लंबे समय तक ताजा बन रहता है।
अनुष्का की तरह ही प्रतिभाशाली ऐसे 31 छात्रों को प्रौद्योगिकी आधारित नवाचारों और रचनात्मक विचारों के लिए वर्ष 2018 का डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड प्रदान किया गया है। गत शनिवार को गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में इन छात्रों को यह पुरस्कार पूर्व
राष्ट्रपित डॉ प्रणब मुखर्जी ने प्रदान किया है।
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स्थानीय संसाधनों से बनी जैविक रूप से अपघटित होने लायक पानी की बोतल, ऑक्सीजन मास्क युक्त लाइफ जैकेट, दृष्टिबाधितों के लिए नेवीगेशन प्रणाली, बांस की टोकरी बनाने की मशीन, भारवाहकों के पारिश्रमिक की गणना के लिए उपकरण, सुरक्षात्मक मास्क युक्त कीटनाशकों का छिड़काव पंप, स्मार्ट सर्वाइकल कॉलर, चिरौंजी का छिलका उतारने के लिए किफायती एवं पोर्टेबल उपकरण, आवाज को टेक्स्ट में परिवर्तित करने में सक्षम बधिरों के लिए खास चश्मा और झटकों को झेलने वाले स्ट्रेचर जैसे उपकरण छात्रों के इन नवाचारों में शामिल हैं।
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इस वर्ष यह पुरस्कार 11 राज्यों के छात्रों को उनके कुल 21 रचनात्मक विचारों और नवाचारों के लिए प्रदान किया गया है। इसके अंतर्गत एक राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में देश के 643 जिलों से 90 हजार से अधिक छात्रों की प्रविष्टियां मिली थी। इस अवसर पर छात्रों के नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया
गया था।
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विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की अहमदाबाद स्थित स्वायत्त संस्था राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान की पहल पर आइडियाज ऐंड इनोवेशन्स ऑफ यंग इंडिया (इग्नाइट) अवार्ड की शुरुआत की गई है। इसका मकसद देशभर के छात्रों के रचनात्मक विचारों एवं नवाचारों को प्रोत्साहित करना है।डॉ प्रणब मुखर्जी ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्रों और उनके अध्यापकों एवं प्रोत्साहकों को बधाई देते हुए कहा कि स्थानीय समस्याओं की पहचान, उनके समाधान के बारे में विचार और उन विचारों के मूल्यांकन तथा संभावित समाधान के रूप में उन्हें विकसित करने में छात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। इस प्रतियोगिता में ग्रामीण क्षेत्रों, सरकारी विद्यालयों और वंचित वर्ग के छात्रों के शामिल होने पर डॉ मुखर्जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे अगर समस्याओं के बारे में सोचेंगे और उनके समाधान तलाशेंगे तो समाज और देश का भविष्य बेहतर हो सकता है।
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राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान के अध्यक्ष डॉ पी.एस. गोयल ने कहा कि “बचपन से ही नये विचारों और नवाचारों के विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने और नयी पीढ़ी को प्रोत्साहित करने में इस तरह के अवार्ड उपयोगी हो सकते हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड देशभर में इस संदेश को पहुंचाने का माध्यम बनकर उभरा है।” इस प्रतियोगिता का आयोजन सीबीएसई, हनी-बी नेटवर्क और राज्यों के शिक्षा विभाग, शिक्षा बोर्ड, निदेशालयों और राज्यों के शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर किया
जाता है।
(इंडिया साइंस वायर)