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India China Border Clash: अगर भारत-चीन के बीच हुआ युद्ध, तो कौन किस पर पड़ेगा भारी? जानें क्यों डरता है 'ड्रैगन'

India China Border Clash: भारत और चीन दोनों ही दुनिया की महाशक्ति हैं। दोनों आबादी सहित सैन्य मामलों में भी सक्षम हैं। इसलिए मौजूदा वक्त में टकराहट हुई तो क्या होगा?

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Written By aman
Published on: 14 Dec 2022 1:02 PM IST
India China Border Clash
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India China Border Clash (Symbolic Image: Social Media)

India China Border Clash: भारत और चीन के बीच काफी वक्त से सीमा विवाद जारी है। जिसे 9 दिसंबर 2022 को नई हवा मिल गई। बढ़ती सर्दी के बीच सीमा विवाद ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। अब ये मामला काफी गरमा गया है। चीन की नापाक हरकतों का इंडियन आर्मी ने मुंहतोड़ जवाब दिया। वीडियो में भारतीय सैनिक 300 से 400 चीनी जवानों को खदेड़ते दिख रहे हैं।

भारतीय सेना के जवान भारत के अधिकार वाले क्षेत्र से बहादुरी से लड़ते हुए चीनी सैनिकों को खदेड़ते दिख रहे हैं। भारत का कहना है कि चीन ने यांग्त्से इलाके (Yangtze Region) में वास्तविक सीमा रेखा (lAC) पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने की कोशिश की थी। चीनी सैनिकों के इसी प्रयास को भारतीय बहादुर जवानों ने नाकाम किया। लेकिन, अब देशवासियों के मन में ये सवाल उठने लगा है कि अगर मौजूदा परिस्थिति में भारत और चीन में युद्ध हुआ तो कौन किस पर भारी पड़ेगा?

पड़ोसी की जमीन पर रहती है चीन की नजर

बीते कुछ समय से भारत-चीन (India-China Rift) सीमा पर शांति थी। इससे पहले कई बार दोनों देशों के सैनिक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर आमने-सामने आ चुके थे। कई बार हालात ऐसे बने जब तल्खियां हद से ज्यादा हो गयी तो दोनों सेनाओं के अफसरों ने उसे सामान्य किया। कई दौर की बातचीत जारी रही। दरअसल, चीन अक्सर अपने पड़ोसी मुल्क की जमीन हथियाने की जुगत में रहता है। इसके लिए वो अपनी सेना का इस्तेमाल भी करता रहा है। जब भी ऐसे हालात बने हैं, भारतीय सेना ने चीन को माकूल जवाब दिया। इस बार चीन ने अरुणाचल से सटे इलाके को नए 'रण क्षेत्र' के लिए चुना है। भारत खिलाफ चीन को ये आक्रामकता काफी महंगी पड़ सकती है। इस बात की खबर चीन को भी है। तो चलिए, हम आपको बताते हैं कि भारत के साथ युद्ध होने की स्थिति में चीन क्यों डरता है।

चीन को लगातार टक्कर दे रहा भारत

आपको पता है कि, भारत और चीन दोनों की गिनती इस वक्त दुनिया की महाशक्तियों में होती है। अमेरिका 19 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ पहले स्थान पर है। वहीं, चीन 12 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ दूसरे नंबर पर आता है। जबकि, भारत 3.1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के साथ भारत पांचवें स्थान पर है। तीसरे और चौथे नंबर पर क्रमशः जापान और जर्मनी हैं। चीन विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाली देश है। जबकि भारत दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। आबादी के मामले में भारत चीन से ज्यादा पीछे नहीं है। यहां गौर करने वाली बात है कि, भारत नौजवानों का देश कहा जाता है। वहीं चीन में अपेक्षाकृत बड़ी आबादी बुजुर्गों की है। कार्य बल (work force) के मामले में भारत दुनिया का पहला देश है। भारत कई मोर्चों पर चीन को टक्कर दे रहा है। साथ ही उसकी विस्तारवादी नीति को बहुद हद तक रोकने में भी सफल रहा है। इन बातों से चीन भारत से खीझा हुआ है।

भारत और चीन की सैन्य क्षमता पर एक नजर :

चीन के पास मौजूदा समय में 21 लाख सैनिकों की विशाल संख्या है। इतनी बड़ी संख्या के साथ चीन दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। जबकि, भारतीय सेना दूसरे नंबर है। भारत की सेना में 14 लाख सैनिक हैं। इसके अलावा, भारत में 25 लाख 27 हजार अर्धसैनिक बल हैं, जबकि चीन के पास मात्र 6 लाख 24 हजार। यानी भारत के पास चीन से 19 लाख अर्ध सैनिक बल ज्यादा है। इसी तरह भारत रक्षा मद में करीब 70 अरब डॉलर यानी 5.50 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है। वहीं, चीन का रक्षा बजट तीन गुना ज्यादा करीब 230 अरब डॉलर है। चीन के पास 1200 लड़ाकू विमान हैं, जबकि भारत के पास 564 विमान। चीन के पास कुल विमानों की संख्या 3285 है जबकि भारत के पास 2182 ही हैं। इसी तरह भारत के पास 4614 टैंक हैं तो चीन के पास 5250 टैंक। इसी प्रकार बख्तरबंद गाड़ियां भी चीन के पास ज्यादा हैं।

चीन के पास 35000 बख्तरबंद गाड़ियां हैं जबकि भारत के पास 12000 हैं। इसी तरह भारत के पास मात्र एक विमान वाहक पॉट है जबकि चीन के पास 2 हैं। भारत के पास 10 डिस्ट्रॉयर जहाज हैं तो चीन के पास 41 हैं। भारत के पास 17 पनडुब्बी हैं तो चीन के पास 79 हैं। इस तरह देखें तो भारत सैन्य मामलों में कुछ हद तक चीन से पीछे है। लेकिन जब युद्ध होता है तो सबसे ज्यादा जरूरत जज्बे की होती है जो भारतीय सैनिकों ने समय-समय पर दिखाया है।

भारत के पास गुणवत्तापूर्ण और बेहतर सैन्य संसाधन

यहां आपको बता दें कि, कोई भी जंग सिर्फ इन्हीं समीकरणों से नहीं जीती जाती। अगर, अहलहों और गोला-बारूद से ही जंग जीती जाती तो कई ऐसे उदाहरण हैं जहां विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका, रूस और खुद चीन को भी मात खानी पड़ी थी। इसलिए ये तय करना मुश्किल है कि भारत और चीन का युद्ध हुआ तो कौन जीतेगा। मगर, दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञ भी ये मानते हैं कि आज की तारीख में भारत किसी भी तरह से चीन से कम नहीं है। भारत की वायु सेना चीन से ज्यादा ठोस और ताकतवर है। भारत के पास चीन से बेहतर गुणवत्ता वाले लड़ाकू विमान हैं। ये विमान भारत ने अमेरिका, रूस, इजरायल, फ़्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों से ख़रीदे हैं। इनमें सभी अत्याधुनिक सुविधा मौजूद है। भारत के लड़ाकू विमानों के पायलटों की ट्रेनिंग भी चीनी पायलटों से काफी बेहतर है। इन सभी गुना-गणित के बाद हम कह सकते हैं कि भारत, चीन से कहीं कम नहीं है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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