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IIT Bombay: अरे! ये क्या हुआ? आईआईटी बॉम्बे के 36 फीसदी छात्रों का नहीं हुआ प्लेसमेंट
IIT Bombay: आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष आईआईटी बॉम्बे में 35.8 फीसदी छात्र बिना प्लेसमेंट के रह गए, जो पिछले सत्र की तुलना में 2.8 प्रतिशत ज्यादा है।
IIT Mumbai Placement: आईआईटी, जिसमें दाखिला पाना लाखों छात्रों और उनके पेरेंट्स का सपना होता है। आईआईटी पासआउट का मतलब माना जाता है करोड़ों का पैकेज, दिग्गज कंपनियों में एंट्री और बेहद सुरक्षित भविष्य। हर साल आईआईटी के छात्र बड़ी नौकरियों पर नजर रखते हुए दिसंबर और फरवरी के बाद के प्लेसमेंट सीजन का इंतजार करते हैं। लेकिन इस बार आईआईटी बॉम्बे के अनेकों छात्रों के लिए प्लेसमेंट नाउम्मीदी भरा रहा है। इस साल आईआईटी-बॉम्बे में, 2024 प्लेसमेंट के लिए पंजीकृत लगभग 2,000 छात्रों में से 712 (लगभग 36 फीसदी) को अभी तक नौकरी पक्की नहीं हुई है। प्लेसमेंट सीज़न आधिकारिक तौर पर मई तक समाप्त हो जाएगा।
संस्थान के पूर्व छात्र और ग्लोबल आईआईटी एलुमनी सपोर्ट ग्रुप के संस्थापक धीरज सिंह द्वारा साझा किए गए आईआईटी प्लेसमेंट के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 35.8 फीसदी छात्र बिना प्लेसमेंट के रह गए, जो पिछले सत्र की तुलना में 2.8 प्रतिशत अंक की वृद्धि है।
क्या हुआ था पिछले साल?
2023 में आईआईटी बॉम्बे में पंजीकृत 2,209 छात्रों में से 1,485 को नौकरी मिल गई थी, जिसका मतलब है कि पिछले सत्र में भी 32.8 फीसदी को नौकरी नहीं मिली। कैंपस प्लेसमेंट के जरिये भर्ती किए गए छात्रों की अपेक्षाकृत कम संख्या को लेकर चिंता बढ़ गई है।
कम्पनियाँ आ नहीं रहीं
आईआईटी-बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के एक अधिकारी के अनुसार, वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण पिछले साल की तुलना में कंपनियों को कैंपस में आमंत्रित करना चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि ज्यादातर कंपनियां संस्थान द्वारा पूर्व-निर्धारित वेतन पैकेज स्वीकार करने में असमर्थ थीं। उनके आने पर सहमत होने से पहले कई दौर की बातचीत हुई। प्रतिभाओं की खरीदारी के लिए पहुंची 380 कंपनियों में से एक बड़ा हिस्सा घरेलू बाजार से था। परंपरागत रूप से, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की संख्या भारतीय कंपनियों से अधिक मानी जाती है।
पहली बार हुआ ऐसा
पहली बार, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग शाखा के पंजीकृत छात्रों को 100 फीसदी प्लेसमेंट नहीं मिला है। जबकि इन ब्रांच के छात्रों की सर्वाधिक डिमांड रहती है। वैसे, संस्थान औसत वेतन पैकेज के ऊंचे लेवल को बनाए रखने के लिए बड़े पैकेजों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कई बार ऑफर लेटर मिलने के बावजूद, अधिकांश छात्र बाद में उन्हें अस्वीकार कर देते हैं और रोजगार तलाशने के अन्य तरीके चुनते हैं। प्लेसमेंट के प्रचार-प्रसार" पर ध्यान केंद्रित करने की ओर इशारा करते हुए, एक प्रोफेसर ने इस शैक्षणिक वर्ष में प्लेसमेंट सेल द्वारा की गई एक त्रुटि को रेखांकित किया। जब दिसंबर में आयोजित प्लेसमेंट के पहले चरण में केवल 22 आईआईटी-बॉम्बे छात्रों को एक करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुआ, तो संस्थान ने घोषणा की कि 85 उम्मीदवारों को एक करोड़ रुपये से अधिक की पेशकश की गई थी। बाद में, इसने गलती को सुधारते हुए एक नोट जारी किया। अधिकांश छात्र नौकरी प्लेसमेंट के संबंध में चिंता व्यक्त कर रहे हैं। वे ऐसे कैंपस ऑफरों को अस्वीकार कर रहे हैं जो समान पदों के लिए निजी कॉलेजों के छात्रों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों के बराबर नहीं हैं। यह आईआईटी-बॉम्बे में एक निराशाजनक स्थिति है, जिसे भारत में तीसरा इंजीनियरिंग कॉलेज का दर्जा दिया गया है।