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IIT Prof Divya Dwivedi: आईआईटी प्रोफेसर भी हुईं सनातन धर्म पर हमलावर, हिंदुत्व के असितत्व पर सवाल खड़ा करने वाले कौन हैं दिव्या द्विवेदी

IIT Prof Divya Dwivedi: आईआईटी प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि वह हिंदू धर्म के बिना भारत का भविष्य देखती हैं। उन्होंने कहा - दो भारत हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 11 Sep 2023 10:04 AM GMT
IIT Prof Divya Dwivedi
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IIT Prof Divya Dwivedi (Photo: Social Media)

IIT Professor Statement: सनातन धर्म पर चल रही चर्चाओं के बीच एक ताजा घटनाक्रम में आईआईटी दिल्ली की एक प्रोफेसर अब हिंदुत्व और सनातन धर्म के बारे में सख्त और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के कारण चर्चा में हैं। पहले भी विवादों में रह चुकीं प्रोफेसर दिव्या द्विवेदी ने अपने हालिया बयानों से एक बार फिर गरमागरम बहस छेड़ दी है।

क्या है मामला

हुआ ये कि जब जी 20 शिखर सम्मेलन चल रहा था तब फ्रांसीसी मीडिया आउटलेट "फ्रांस 24" से बात करते हुए दिव्या द्विवेदी ने कहा कि वह हिंदू धर्म के बिना भारत का भविष्य देखती हैं। उन्होंने कहा - दो भारत हैं। बहुसंख्यक आबादी पर अत्याचार करने वाले नस्लीय जाति व्यवस्था का अतीत का भारत और फिर भविष्य का भारत जो जाति उत्पीड़न और हिंदू धर्म के बिना एक समतावादी भारत है। यह वह भारत है जिसका अभी तक प्रतिनिधित्व नहीं हुआ है, लेकिन वह इंतजार कर रहा है, दुनिया को अपना चेहरा दिखाने के लिए तरस रहा है।'

इसी बातचीत में दिव्या द्विवेदी ने कहा कि आबादी का एक अल्पसंख्यक हिस्सा (उच्च जाति) देश के अधिकांश आकर्षक और शक्तिशाली पदों पर अपना दबदबा बनाए रखता है और यह स्थिति वर्तमान में भी बनी हुई है। उन्होंने कहा - भारत को 300 वर्षों में जाति के नस्लीय क्रम से आकार दिया गया है, जहां 10 प्रतिशत ऊंची जाति अल्पसंख्यक हैं, लेकिन वे 90 प्रतिशत आकर्षक और शक्तिशाली पदों पर काबिज हैं, जो आज भी जारी है।


कौन हैं दिव्या द्विवेदी?

दिव्या द्विवेदी दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह अपने को एक दार्शनिक, मार्क्सवादी और एक लेखिका भी बताती हैं और हिंदूफोबिया, ऑन्टोलॉजी, तत्वमीमांसा, साहित्य और राजनीति के दर्शन के बारे में लिखती हैं।

दिव्या ने पहले भी 2019 में एक टीवी चैनल पर हिंदू धर्म के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी और इसे "20वीं सदी की शुरुआत में आविष्कार किया गया झूठा धर्म" बताया था।

- दिव्या इलाहाबाद की रहने वाली हैं और राकेश द्विवेदी की बेटी हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं।

- दिव्या ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री और सेंट स्टीफंस कॉलेज से मास्टर डिग्री हासिल की है।

- उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.फिल की पढ़ाई की और आईआईटी दिल्ली से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।



और क्या क्या कहा

फ्रांस 24 चैनल द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य जी20 देशों में समान असमानताएं मौजूद नहीं हैं, दिव्या द्विवेदी ने कहा कि भारत में ये मुद्दे नस्लीय उत्पीड़न, बहिष्कार और "हिंदू धर्म के रूप में एक फर्जी प्रतिनिधित्व" द्वारा जटिल हैं। द्विवेदी ने एक अन्य अखबार से बातचीत में कहा कि - "जी20 अपेक्षाकृत अमीर देशों और अपेक्षाकृत गरीब देशों का शिखर सम्मेलन है। जीडीपी दुनिया में कहीं भी प्रगति का एकमात्र पैमाना नहीं है। यहां तक कि सबसे अमीर देशों में भी जलवायु परिवर्तन और धुर दक्षिणपंथी राजनीति गरीबी संकट पैदा कर सकती है। गरीबी एक वैश्विक चिंता होनी चाहिए, और अंतर्राष्ट्रीय मंचों को इस वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत में एक ओर हमारे पास विरासत में मिली शक्ति, प्रतिष्ठा और धन है और दूसरी ओर, जन्म-आधारित भेदभाव, गरीबी और जाति द्वारा निर्धारित बहिष्कार है। इस ओर ध्यान दिलाना मेरी दार्शनिक बाध्यता और बौद्धिक कर्तव्य था।"

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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