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पुणे पोर्श काण्ड: मां भी शामिल, बेटे की जगह अपना ब्लड सैंपल दे कर किया खेल
Pune Porsche Scandal: पुणे के पोर्श कार कांड में आरोपी लड़के का ब्लड सैंपल उसकी मां के सैंपल के साथ बदल दिया गया था। पुलिस को उसकी तलाश है।
Pune Porsche Scandal: पुणे के पोर्श कार कांड में जिस तरह मामले की परतें खुल रहीं हैं उससे पता चलता है कि कार से कुचल कर दो युवाओं को मार डालने वाले लड़के का पूरा परिवार ही कानून को धोखा देने में जुटा हुआ था। कार चलाने वाला लड़का रिमांड होम में हैं, उसका पिता और दादा दोनों जेल में हैं और अब पता चला है कि लड़के की मां ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पुलिस को उसकी तलाश है।
क्या है नया?
टीवी रिपोर्टों के अनुसार दो युवाओं को कुचल कर मारने के बाद पकड़े गए आरोपी लड़के का ब्लड सैंपल उसकी मां के सैंपल के साथ बदल दिया गया था। यानी लड़के की मां ने अपना ब्लड सैंपल दिया जिसे अस्पताल के डाक्टरों ने लड़के का सैंपल बता कर रिकॉर्ड कर लिया।
पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों - फोरेंसिक विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ अजय टावरे और कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डॉ श्रीहरि हल्नोर तथा शवगृह के एक कर्मचारी को लड़के का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी लड़के का बल्ड सैंपल टेस्ट रिपोर्ट में हेरफेर करने और उसे बचाने के लिए उसकी मां के नमूने के साथ बदला गया हो सकता है। इस भयावह दुर्घटना की जांच में सरकारी ससून अस्पताल में जिस तरह बेशर्मी और खुल्लमखुल्ला तरीजे से आरोपी लड़के को बचाने की कोशिश की गयी वो खेल उजागर होने के बाद महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा ने मामले की जांच के लिए मुंबई स्थित ग्रांट्स मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. पल्लवी सापले की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पैनल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आरोपी लड़के के नमूने को बदलने के इरादे से एक महिला और दो बुजुर्ग पुरुषों के ब्लड सैंपल एकत्र किए गए थे। पुलिस को अब संदेह है कि किशोर की मां का नमूना इस योजना के तहत लिया गया था। पुलिस अब इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए कुछ संदिग्धों के सैंपल एकत्र करने की योजना बना रही है। वे लड़के की मां की तलाश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें वह घर पर नहीं मिली है।
आरोपी लड़का एक निगरानी गृह में है, उसके रियल एस्टेट एजेंट पिता और दादा को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि परिवार ने अपने ड्राइवर पर दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने का दबाव बनाया था
मध्य प्रदेश के 24 वर्षीय इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्ठा को 19 मई की देर रात एक तेज रफ्तार पोर्शे ने टक्कर मार कर कुचल दिया था जिससे उनकी मौत हो गई थी। कथित तौर पर नशे में कार चला रहे लड़के को 15 घंटे के भीतर जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस मामले में घोर ढिलाई के प्रति जनाक्रोश के चलते किशोर न्याय बोर्ड ने अपने आदेश को संशोधित किया और लड़के को 5 जून तक निगरानी गृह में भेज दिया, उस पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए पुलिस की याचिका पर निर्णय लिया जाना बाकी है।
बाद में जांच में पाया गया कि नमूने बदलकर लड़के की रक्त रिपोर्ट में हेरफेर किया गया था। इस मामले में ससून अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय टावरे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और कर्मचारी अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि डॉ. हलनोर और घाटकांबले ने ब्लड सैंपल बदलने के लिए डॉ. टावरे से 3 लाख रुपये लिए थे।