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यहां गले तक दफ़न हुए किसान, फिर भी सरकार तक नहीं पहुंच रही आवाज

Ashiki
Published on: 6 March 2020 10:40 AM GMT
यहां गले तक दफ़न हुए किसान, फिर भी सरकार तक नहीं पहुंच रही आवाज
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नई दिल्ली: देश के अलग-अलग राज्यों में अक्सर किसानों को आंदोलन करते देखा गया है। कभी अपने हक़ के लिए तो कभी कृषि नीति में परिवर्तन तो कभी कर्ज माफ़ी के लिए आन्दोलन की खबरें आती रहती हैं। भारत में किसान आंदोलन तेज गति से बढ़ रहे है इसका मुख्य कारण किसानों की आर्थिक हालत दिन प्रति दिन ख़राब स्थिति। यहाँ तक कि कर्ज से परेशान होकर अक्सर किसानों द्वारा आत्महत्या करने की भी खबरे आती रहती हैं।

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जमीन के अंदर गले तक खुद को किसानों ने किया दफ़न-

लेकिन बीते दिनों राजस्थान के नींदड़ से किसानों द्वारा आंदोलन का एक अनोखा तरीका सामने आया है। यहां पर किसान जमीन के अंदर बैठ कर आंदोलन करते पाए गए। यहां पर किसान खुद को जमीन के अंदर गले तक दफनाते दिखे। दरअसल ये विरोध जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामले में है। इन किसानों के साथ बीजेपी से राज्यसभा सांसद डा. किरोड़ी लाल मीणा भी आंदोलन में बैठे हैं।

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किसानों की आजीविका पर डाका दाल रही सरकार-

दरसअल जेडीए ने कुछ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट के लिए 540 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की योजना बनाई है। जिसके लिए किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं। किसानों के मुताबिक ये जमीन ही सिर्फ इनके आय का एक जरिया है। अगर सरकार इसे भी ले लेगी तो उनके जीवन यापन का जरिया समाप्त हो जायेगा। किसानों का कहना है कि इसके पहले भी सरकार 250 एकड़ जमीन जप्त कर चुकी है। ऐसे में किसानों का कहना है कि सरकार उनकी आजीविका पर डाका डाल रही है। किसानों अनुसार वे तब तक ये आन्दोलंन ख़तम नहीं करेंगे जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है।

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