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JPC की बैठक में खड़गे पर वक्फ की जमीन हड़पने का आरोप, नाराज विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट
JPC Meeting : वक्फ संशोधन बिल के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ की जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विवाद पैदा हो गया।
JPC Meeting : वक्फ संशोधन बिल के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ की जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विवाद पैदा हो गया। विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर तीखी आपत्ति जताते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। विपक्षी सांसदों ने कहा कि कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग और कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष अनवार मणिप्पडी की ओर पेश किया गया प्रेजेंटेशन वक्फ बिल से जुड़ा हुआ नहीं है।
उन्होंने कहा कि मणिप्पडी की ओर से कर्नाटक सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए गए। विपक्षी सांसदों का कहना था कि संयुक्त संसदीय समिति की कार्यवाही नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप नहीं की जा रही है। बैठक का बहिष्कार करने वालों में कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के सांसद भी शामिल थे। विपक्षी सांसदों ने बहिष्कार के बाद इस मामले पर चर्चा करने के लिए अलग से बैठक भी की। उनका कहना था कि वे अपने अगले कदम को लेकर जल्द ही फैसला करेंगे।
खड़गे पर वक्फ की जमीन हड़पने का आरोप
दरअसल मणिप्पडी की ओर से समिति के सामने 11 पन्नों का प्रजेंटेशन दिया गया। इसमें उन नेताओं का जिक्र किया गया था जिनके ऊपर वक्फ की संपत्ति हड़पने का आरोप है। इन लोगों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी शामिल था जिसे लेकर विपक्षी सांसदों ने नाराजगी जताई। मणिप्पडी कमेटी की ओर से 2012 में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा के सामने इस बाबत रिपोर्ट भी पेश की गई थी।
विपक्षी सांसदों ने किया बहिष्कार
खड़गे का नाम सामने आने के बाद विपक्षी सांसद बिफर गए और उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया है, क्योंकि समिति सिद्धांतों के साथ काम नहीं कर रही है।
सावंत ने कहा कि विपक्ष की ओर से बैठक के बहिष्कार का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि नैतिकता और सिद्धांतों का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
बैठक का बहिष्कार करने वाले सांसदों में कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, डीएमके के ए राजा और शिवसेना यूबीटी के अरविंद सावंत शामिल थे।
विपक्षी सांसदों ने की अलग बैठक
बैठक का बहिष्कार करने के बाद विपक्षी सांसदों ने अलग से बैठक की और इस मुद्दे पर गहराई से मंथन किया। माना जा रहा है कि विपक्ष की ओर से जल्द ही अगले कदम का फैसला किया जाएगा। बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत करने का सुझाव भी दिया। विपक्षी सांसदों की ओर से बैठक का बहिष्कार किए जाने के बावजूद संयुक्त संसदीय समिति की बैठक जारी रही। बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने की।
संयुक्त संसदीय समिति में 31 सदस्य
वक्फ बिल पर चर्चा करने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति में 31 सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल हैं। लोकसभा के सदस्यों में जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, संजय जायसवाल, असदुद्दीन ओवैसी, अरुण भारती, अरविंत सावंत आदि के नाम शामिल हैं जबकि राज्यसभा से बृजलाल, डॉक्टर मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, संजय सिंह, मोहम्मद अब्दुल्ला, वी विजसाई रेड्डी, राधामोहन दास अग्रवाल, सैयद नसीर हुसैन जैसे नेताओं को समिति में जगह दी गई है।