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आयकर विभाग की अर्जी पर चिदंबरम के परिवार से जवाब तलब

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने चिदंबरम के परिजनों और अन्य को नोटिस देकर जवाब मांगा है। आयकर विभाग ने तीनों के खिलाफ काला धन कानून के तहत आपराधिक मुकदमा शुरू किया था।

Roshni Khan
Published on: 17 April 2019 10:00 AM IST
आयकर विभाग की अर्जी पर चिदंबरम के परिवार से जवाब तलब
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चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली आयकर विभाग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी हो गया है। दरअसल मद्रास हाईकोर्ट ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के परिवार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा निरस्त करने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि हाईकोर्ट के आदेश पर रोक तो नहीं लगाई, पर चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति चिदंबरम और पुत्रवधू श्रीनिधि और अन्य से जवाब मांगा है।

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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने चिदंबरम के परिजनों और अन्य को नोटिस देकर जवाब मांगा है। आयकर विभाग ने तीनों के खिलाफ काला धन कानून के तहत आपराधिक मुकदमा शुरू किया था। आयकर विभाग की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से हाईकोर्ट के 2 नवंबर, 2018 के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया।

उनकी दलील थी कि इससे गलत मिसाल कायम होगी और अन्य आरोपी भी काला धन कानून के तहत आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए हाईकोर्ट के आदेश को आधार बनाएंगे।

पीठ ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना इस इस स्थिति में रोक लगाने का अर्थ होगा आयकर विभाग की अपील को स्वीकार करना। सॉलिसिटर जनरल ने कहा, यदि इस आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो अन्य हाईकोर्ट भी काला धन कानून के तहत आपराधिक मुकदमे को निरस्त कर सकते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि हाईकोर्ट के आदेश को नजीर की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि इसे नजीर के तौर पर नहीं लिया जाएगा, क्योंकि हाईकोर्ट इस तथ्य से अवगत होंगे कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

विदेशी संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी छुपाने से संबंधित है मामला

यह मामला दरअसल चिदंबरम के परिजनों द्वारा कथित विदेशी संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी छुपाने से संबंधित है। आयकर विभाग के अनुसार नलिनी, कार्ति और श्रीनिधि ने ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में संयुक्त स्वामित्व वाली 5.37 करोड़ की संपत्ति की जानकारी आयकर रिटर्न में नहीं दी थी। जो कि काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) कानून के तहत अपराध है।

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आयकर विभाग ने यह भी कहा कि कार्ति चिदंबरम ने ब्रिटेन स्थित मेट्रो बैंक के अपने खाते और अमेरिका में निवेश की जानकारी नहीं दी। कार्ति ने अपनी सह-स्वामित्व वाली कंपनी चेस ग्लोबल एडवाइजरी द्वारा निवेश की भी जानकारी नहीं दी, जो काला धन कानून के तहत एक अपराध है।

Roshni Khan

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