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IT on Congress: कांग्रेस को तगड़ा झटका, 1700 करोड़ का इनकम टैक्स नोटिस

IT on Congress: कांग्रेस के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, जिन्होंने कार्यवाही रोकने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में मामला लड़ा, ने नोटिस प्राप्त होने की पुष्टि की और कहा कि पार्टी अपनी कानूनी चुनौती जारी रखने का इरादा रखती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 29 March 2024 6:59 AM GMT
Income Tax on Congress
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Income Tax on Congress (Photo: Social Media)

Congress: कांग्रेस को एक बड़ा झटका देते हुए, आयकर विभाग ने पार्टी को लगभग 1,700 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया है। फंड्स की कथित कमी से जूझ रही कांग्रेस की दिक्कतें ऐन लोकसभा चुनावों से पहले बढ़ गई हैं। इनकम टैक्स विभाग ने पहले ही 210 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और पार्टी के फंड को फ्रीज कर दिया था।

याचिका खारिज हुई थी

इनकम टैक्स नोटिस का घटनाक्रम दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा चार मूल्यांकन वर्षों के लिए पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती देने वाली पार्टी की याचिका को खारिज करने के बाद आया है। ताजा डिमांड नोटिस में आकलन वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक शामिल हैं और इसमें जुर्माना और ब्याज भी शामिल है। कांग्रेस वर्तमान में तीन अतिरिक्त मूल्यांकन वर्षों के लिए अपनी आय के पुनर्मूल्यांकन का इंतजार कर रही है। कांग्रेस के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, जिन्होंने कार्यवाही रोकने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में मामला लड़ा, ने नोटिस प्राप्त होने की पुष्टि की और कहा कि पार्टी अपनी कानूनी चुनौती जारी रखने का इरादा रखती है।

आयकर विभाग पहले ही कांग्रेस पार्टी के दिल्ली में स्थित बैंक खातों से 135 करोड़ रुपए वसूल चुका है। 2018-19 के लिए कांग्रेस जरूर शर्त नहीं पूरी कर पाई थी। कोर्ट में आयकर विभाग ने कहा था कि 520 करोड़ रुपए असेसमेंट में शामिल नहीं थे। अलग-अलग ठिकानों में छापेमारी से आयकर विभाग को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे साफ होता है कि कैश के जरिए पैसे का लेन-देन हुआ था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी भी इसमें शामिल थे. आयकर विभाग का कहना है कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और एक कंपनी के साथ कांग्रेस पार्टी के लेन-देन की बात सामने आई है, जो कि नियमों का उल्लंघन है।

नियमों का उल्लंघन होने पर एक राजनीतिक दल को लोगों का समूह माना जाता है और इस समूह को आयकर देना होता है। कैश में हुए लेन-देन को भी आय का हिस्सा माना जाता है।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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