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जनसंख्या एक्सप्रेस: बच्चों के जन्म का टूटेगा रिकार्ड, UNICEF का दावा, ये है बड़ी वजह 

UNICEF के ये आंकड़ें सिर्फ 9 महीने के हैं। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कोराना को महामारी करार देने के बाद की ये संख्या है। UNICEF ने कहा है कि 11 मार्च से लेकर 16 दिसंबर तक भारत में 2.1 करोड़ बच्चों का जन्म होगा।

SK Gautam
Published on: 7 May 2020 10:35 AM GMT
जनसंख्या एक्सप्रेस: बच्चों के जन्म का टूटेगा रिकार्ड, UNICEF का दावा, ये है बड़ी वजह 
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी में संक्रमण से बचने के लिए और इसे फैलने से रोकने के लिए सरकार ने लॉक डाउन का सहारा लिया और इसे पूरे देश में लागू किया। इस लॉक डाउन के कारण लोग घरों में कैद हो गए। कुछ लोगों ने "वर्क फ्रॉम होम" किया तो कुछ लोगों ने अपने घरों के पेंडिंग काम को पूरा करने में जुट गए। लेकिन इस दौरान संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के का सर्वे रिपोर्ट कुछ और ही कह रहा है। जिसमें यह बात सामने आई है कि भारत में इस साल 2 करोड़ से ज्यादा बच्चों का जन्म होगा।

कोराना को महामारी करार देने के बाद की ये संख्या

UNICEF के ये आंकड़ें सिर्फ 9 महीने के हैं। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कोराना को महामारी करार देने के बाद की ये संख्या है। UNICEF ने कहा है कि 11 मार्च से लेकर 16 दिसंबर तक भारत में 2.1 करोड़ बच्चों का जन्म होगा। साथ ही ये भी कहा गया है कि इस दौरान जन्म लेने वाले बच्चों और उनकी मां को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती है।

दुनिया भर में करीब 116 मिलियन बच्चे पैदा होंगे

UNICEF के मुताबिक कोरोना वायरस के साये में दुनिया भर में करीब 116 मिलियन बच्चे पैदा होंगे। ये भी अनुमान है कि जनवरी-दिसंबर 2020 के दौरान भारत में 2 करोड़ बच्चों का जन्म होगा। यहां तक कि धनी देश भी इस संकट से प्रभावित होंगे। अमेरिका में जन्म की अनुमानित संख्या के मामले में छठे उच्चतम देश है। यहां 3.3 मिलियन से अधिक बच्चों का जन्म 11 मार्च और 16 दिसंबर के बीच होने का अनुमान है।

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यहां जाने बाकी देशों का हाल

महामारी घोषित होने के बाद के 9 महीनों में सबसे अधिक जन्म भारत में होने की संभावना है। इस दौरान भारत के अलावा चीन (13।5 मिलियन), नाइजीरिया (6।4 मिलियन), पाकिस्तान (5 मिलियन) और इंडोनेशिया (4 मिलियन) बच्चों का जन्म होगा।

नहीं मिल पाएंगी मेडिकल सुविधाएँ, होगी परेशानी

UNICEF ने कहा है कि कोरोना के इस दौर में पैदा होने वाले बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। जैसे की लॉकडाउन और कर्फ्यू। इस दौरान ठीक से इन्हें मेडेकिल सुविधांए भी नहीं मिल सकेगी। इसके अलावा कोरोना वायरस के डर से महिलाएं रेगुलर चेकअप और डेलिवरी के लिए भी हॉस्पिटल जाने से डरेंगी।

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