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Independence Day 2023: अब ब्रिटिश तोपों से नहीं स्वदेशी तोपों से दी जाएगी सलामी, इस स्वतंत्रता दिवस से नई पहल की शुरुआत
Independence Day 2023: ब्रिटिश 25 पाउडर गन से सलामी का सिलसिला बंद हो जाएगा। लाल किले पर पिछले साल आखिरी बार ब्रिटिश 25 पाउंडर गन (British 25 Pounder Gun) ने सलामी दी थी। पिछले साल इस सेकंड से 20 राउंड फायर किए गए थे जबकि एक राउंड फायर स्वदेशी तोप 155 mm ATAGS ने किया था।
Independence Day 2023: पूरे देश में इन दिनों स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरदार स्तर पर चल रही हैं। स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। लाल किले के कार्यक्रम में इस बार भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है और इस कार्यक्रम को इस बार खास बनाने की कोशिश की जा रही है। इस बार जब प्रधानमंत्री मोदी लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे तो पहली बार स्वदेशी तोप से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्रगान के 52 सेकंड के दौरान इस बार स्वदेशी 105 mm इंडियन फील्ड गन (105 mm Indian Field Gun) 21 राउंड फायर करेगी।
अब ब्रिटिश 25 पाउडर गन से सलामी का सिलसिला बंद हो जाएगा। लाल किले पर पिछले साल आखिरी बार ब्रिटिश 25 पाउंडर गन (British 25 Pounder Gun) ने सलामी दी थी। पिछले साल इस सेकंड से 20 राउंड फायर किए गए थे जबकि एक राउंड फायर स्वदेशी तोप 155 mm ATAGS ने किया था। अब इस साल से स्वदेशी तोपों से ही पूरी सलामी का नया सिलसिला शुरू हो जाएगा।
स्वतंत्रता दिवस पर होगी नई शुरुआत
इस साल गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण के दौरान नई परंपरा की शुरुआत की गई थी। गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान पुरानी ब्रिटिश 25 पाउडर गन की जगह 105 mm इंडियन फील्ड गन को महत्ता दी गई थी। इसी गन के जरिए 21 तोपों की सलामी दी गई थी। अब गणतंत्र दिवस के बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में स्वदेशी तोपों से ही सलामी दिए जाने की नई परंपरा की शुरुआत की जा रही है।
रक्षा के क्षेत्र में हाल के दिनों में भारत ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और भारत से कई हथियारों और रक्षा उपकरणों का निर्यात भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में अपने भाषण के दौरान इस बात का प्रमुखता से जिक्र भी किया था। अब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी स्वदेशी टॉप की धमक ही सुनाई देगी और ब्रिटिश तोपों को पूरी तरीके से विदाई दे दी जाएगी।
आजादी के बाद युद्धों में ब्रिटिश गन का इस्तेमाल
देश को आजादी मिलने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार युद्ध हो चुका है। 1948,1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान सेना की ओर से ब्रिटिश 25 पाउंडर गन का खूब इस्तेमाल किया गया था। चीन के खिलाफ भी भारत को 1962 में लड़ाई लड़नी पड़ी थी। चीन के खिलाफ इस युद्ध के दौरान भी ब्रिटिश तोप ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी कई देशों में इस तोप का जबर्दस्त तरीके से इस्तेमाल किया गया था।
सेना ने आजादी के बाद के दशकों में तो इस तोप का खूब इस्तेमाल किया मगर 90 के दशक की शुरुआत के बाद इसका कम इस्तेमाल होने लगा। धीरे-धीरे सेना ने इसका उपयोग कम कर दिया और उसकी जगह स्वदेशी 105 mm इंडियन फील्ड गन को प्रमुखता दी जाने लगी। अब इस बार स्वतंत्रता दिवस पर इस फील्ड गन का ही लाल किले पर भी पूरी तरह जलवा दिखेगा।
इस 88 mm कैलिबर की टॉप से जो गोल दागा जाता है, उसका वजन 25 पाउंड होता है। इसीलिए इस तोप का नाम 25 पाउंडर पड़ा। भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद भी विशिष्ट मौकों पर सलामी के लिए इस तोप का इस्तेमाल किया जाता है।
लाल किले पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर होने वाले देश के सबसे खास कार्यक्रम के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। दिल्ली पुलिस के अलावा देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी इस काम में जुटी हुई है। आतंकी साजिश का खुफिया इनपुट मिलने के बाद लाल किले पर सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
लाल किले के अंदर और आसपास के इलाकों में करीब एक हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि अचूक सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही सभी की गतिविधियों पर बारीक नजर रखी जा सके। लाल किले पर एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया गया है। प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी मेहमानों की सुरक्षा के लिए स्निपर्स, विशिष्ट कमांडो और शार्प शूटर भी तैनात किए जा रहे हैं।