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पश्चिम बंगाल में INDIA गठबंधन में छिड़ी जंग, CPM को ममता बनर्जी का साथ मंजूर नहीं, TMC से हाथ मिलाने से किया इनकार
INDIA alliance in West Bengal: श्चिम बंगाल में सीपीएम को तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ मंजूर नहीं है।
INDIA alliance in West Bengal: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को पटखनी देने के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में कई राज्यों में विवाद की स्थिति दिख रही है। उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद इस गठबंधन में खींचतान की आंच अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है। पश्चिम बंगाल में सीपीएम को तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ मंजूर नहीं है।
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्य में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार का चुनावी गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। येचुरी के इस रुख से साफ हो गया है कि पश्चिम बंगाल में सीपीएम,कांग्रेस और टीएमसी का साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ना अब नामुमकिन दिख रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन से अलग रास्ता अपना सकती हैं। पश्चिम बंगाल से पूर्व उत्तर प्रदेश और बिहार में भी खींचतान की स्थिति दिखी थी। उत्तर प्रदेश में सपा मुखिया अखिलेश यादव और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर हमला बोला था।
सीपीएम को मंजूर नहीं टीएमसी का साथ
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही विभिन्न राज्यों में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच खींचतान बढ़ती हुई दिख रही है। सबसे ताजा मामला पश्चिम बंगाल से सामने आया है जहां सीपीएम म के महासचिव सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी का रुख साफ कर दिया है। येचुरी ने शुक्रवार को साफ तौर पर कहा कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन के बैनर तले भाजपा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ती रहेगी मगर पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ किसी भी प्रकार का चुनावी गठबंधन नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि टीएमसी के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल नहीं उठाता। येचुरी ने कहा कि टीएमसी की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ वामपंथी दल खड़े नहीं हो सकते।
टीएमसी को बताया भ्रष्ट और जनविरोधी
सीपीएम नेता ने कहा कि टीएमसी को भाजपा का विकल्प नहीं माना जा सकता। उन्होंने ममता बनर्जी पर अवसरवादी राजनीति करने का बड़ा आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि मौका मिलने पर ममता बनर्जी एनडीए और भाजपा के साथ समझौता कर लेती हैं। उनका यही इतिहास रहा है। भविष्य में भी ममता बनर्जी की ओर से इस तरह का कदम उठाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में सीपीएम टीएमसी के साथ किसी भी प्रकार का चुनावी गठबंधन नहीं करेगी।
उन्होंने टीएमसी पर बड़ा आरोप लगाते हुए उसे भ्रष्ट, जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी सियासी दल की संज्ञा तक दे डाली। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को देखा जा सकता है जहां पर लोकतांत्रिक प्रणाली को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। हमें इसके खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़नी होगी।
कांग्रेस नेता भी नहीं चाहते टीएमसी से तालमेल
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा वर्ग भी टीएमसी के साथ चुनावी गठजोड़ करने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समय-समय पर ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते रहे हैं। कांग्रेस के कुछ नेता पार्टी हाई मकमान को पत्र भेज कर टीएमसी के साथ चुनावी गठबंधन का विरोध भी कर चुके हैं। कई कांग्रेस नेता लेफ्ट के साथ गठजोड़ करके चुनावी मैदान में उतरने के पक्षधर हैं।
टीएमसी का जवाबी हमला
येचुरी के बयान के बाद टीएमसी की तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई है। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने सीपीएम पर जवाबी हमला करते हुए उसे भाजपा का एजेंट तक बता डाला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीपीएम भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रही है।उन्होंने कहा कि भाजपा का वोट बढ़ाने में सीपीएम की मददगार की भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी भाजपा के खिलाफ खुद लड़ाई लड़ने में सक्षम है और उसे सीपीएम की मदद की कोई जरूरत नहीं है।