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Agni-1 Ballistic Missile: मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफल ट्रेनिंग प्रक्षेपण, जानें इसमें क्या है खास?

Agni-1 Ballistic Missile: ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।

Aman Kumar Singh
Published on: 2 Jun 2023 2:20 AM IST (Updated on: 2 Jun 2023 2:38 AM IST)
Agni-1 Ballistic Missile: मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफल ट्रेनिंग प्रक्षेपण, जानें इसमें क्या है खास?
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अग्नि-1 का सफल ट्रेनिंग प्रक्षेपण (Social Media)

Agni-1 Ballistic Missile: रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार कदम बढ़ा रहा है। ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड (APJ Abdul Kalam, Island) से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण किया है। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) के प्रवक्ता भारत भूषण ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, मिसाइल बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। उन्होंने ये भी कहा कि, ट्रेनिंग लॉन्च में मिसाइल के सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया गया।

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने बताया कि, '01 जून, 2023 को एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड, ओडिशा से सामरिक बल कमान द्वारा एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल, अग्नि -1 का सफल प्रशिक्षण लॉन्च किया गया। बता दें, अग्नि- 1 डेरन मिसाइल एक सिद्ध प्रणाली है। ये उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च ने मिसाइल के सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक मान्य किया।'

आपको बता दें, बीते साल अक्टूबर महीने में भारत ने ओडिशा तट से 'अग्नि प्राइम'- बैलिस्टिक मिसाइलों की एक नई पीढ़ी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि, सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया गया। कहा कि 'अग्नि प्राइम' के लगातार तीसरे (और सफल) परीक्षण ने 'प्रणाली की सटीकता और विश्वसनीयता स्थापित' की है।

अधिकारियों ने कहा था कि रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम सहित कई ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा प्राप्त डेटा का उपयोग करके प्रदर्शन को मान्य किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि, इन प्रणालियों को टर्मिनल बिंदु पर दो डाउन-रेंज जहाजों सहित उड़ान पथ के साथ विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था और पूरे प्रक्षेपवक्र को कवर किया गया था।

ज्ञात हो कि, पहला परीक्षण पिछले साल जून में और दूसरा छह महीने बाद दिसंबर में हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि उन दोनों मौकों पर भी मिसाइल 'पाठ्यपुस्तक पथ का अनुसरण किया और उच्च स्तर की सटीकता के साथ मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया'।



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Aman Kumar Singh

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