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चीन को घेरने के लिए भारत ने बनाई रणनीति, अब ये देश मिलकर कसेंगे लगाम

एक तरफ तो चीन ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के साथ धोखेबाजी की तो वहीं दूसरी तरफ अबब वो दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अपनी दादागीरी पर उतर आया है।

Shreya
Published on: 23 Jun 2020 6:49 AM GMT
चीन को घेरने के लिए भारत ने बनाई रणनीति, अब ये देश मिलकर कसेंगे लगाम
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नई दिल्ली: एक तरफ तो चीन ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के साथ धोखेबाजी की तो वहीं दूसरी तरफ अबब वो दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अपनी दादागीरी पर उतर आया है। हालांकि अब भारत ने चीन की चालाकियों का जवाब देना शुरू कर दिया है। वहीं पूरी दुनिया भी अब चीन के गंदी चाल और धोखेबाजी के सामरिक खेल से रूबरू हो चुकी है।

माइक पॉम्पियो ने चीन पर साधा निशाना

वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि हम एक तरफ भारत को देखते हैं, जो दुनिया के सबसे लोकप्रिय और लोकतांत्रिक देश है, वहीं दूसरी तरह चीन को देखते हैं, जो दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण करता है और वहां के इलाकों पर अवैध रूप से अपना दावा पेश करता है। इससे अहम समुद्री गलियारों को खतरा है और उसने एक बार फिर अपने एक वादे को तोड़ दिया है।

ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका और जापान ने तैयार किया एक समुद्री चक्रव्यूह

बता दें कि चीन हमेशा से साउथ चाइना सी पर अपना दावा ठोकता आया है। वो कई बार इस पर कब्जा करने की कोशिश भी कर चुका है। वहीं दक्षिण चीन सागर में चीन को घेरने के लिए ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका और जापान की चौकड़ी ने एक समुद्री चक्रव्यूह तैयार किया है। भारत के लिए रणनीतिक तौर पर साउथ चाइना सी काफी अहम है, क्योंकि भारत के लिए व्यापार के लिए यह एक पारंपरिक रूट रहा है। वहीं दूसरी तरह चीन की इस विस्तारवादी नीति से उसके छोटे पड़ोसी देशों की परेशानी भी बढ़ी गई हैं।

चीन बनाने जा रहा एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन

चीन एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन बनाने की तैयारी में है, जिसमें ताइवान और वियतनाम के नियंत्रण वाले द्वीपों को भी जबरन शामिल करने का प्लान है। इसके अलावा इस जोन के अंदर चीन प्रतास, पार्सेल और स्पार्टले द्वीप समूह को भी शामिल कर रहा है। बता दें कि इन द्वीप समूहों को लेकर चीन का ताइवान, वियतनाम और मलेशिया से विवाद जारी है।

ताइवान, वियतनाम और मलेशिया से विवाद

वहीं वियतनाम ने साउथ चाइना सी पर चीन द्वारा अधिकार जताने पर अपनी नाराजगी जताते हुए कुछ दिन पहले ही UN में उसके खिलाफ शिकायत की थी। उसके तीन दिन बाद चीन के जहाजों ने वियतनाम के एक मछली पकड़ने वाले जहाज को टक्कर मारकर डुबा दिया। वहीं चीन से जारी विवाद के चलते इन देशों और भारत के बीच दोस्ती काफी अच्छी हो गई है। जिससे चीन बौखलाया हुआ है।

भारत के समर्थन में ज्यादातर देश

वहीं दुनिया के कई देश भी भारत के समर्थन में ही खड़े रहे हैं। साल 1998 में भारत के परमाणु विस्फोट के समय भी फ्रांस भारत के समर्थन में खड़ा हुआ था। वहीं 1971 और करगिल वार में इजरायल ने भारत का साथ दिया था। इसके अलावा चीन के खिलाफ युद्ध के समय साल 1962 में भारत के पक्ष में ऑस्ट्रेलिया आया था। वहीं यूरोप में जर्मनी से ब्रिटेन तक भारत के साथ खड़े हैं।

चीन के पक्ष में पाकिस्तान और उत्तरी कोरिया

वहीं अमेरिका हर मुद्दे पर भारत के समर्थन में खड़ रहने की बात करता है। वहीं रूस से रिश्ते को मजबूती देने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वहां पहुंचे हैं। वहीं चीन की तरफ से हमेशा आपको दो देश खड़े मिलेंगे। पहला उसका सबसे करीबी पाकिस्तान वहीं दूसरा उत्तर कोरिया।

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