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मशीनगन वाली बोट्स: लद्दाख में होंगी तैनात, चीन को बनाएंगी निशाना

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पैंगोंग त्सो झील संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में चीन हमेशा से यहांपेट्रोलिंग के दौरान अपनी बोट के जरिए भारतीय बोट को टक्कर मारकर नुकसान पहुंचाने की और भारतीय सेना की बोट को डुबोने की कोशिश करता रहता है।

Shivani
Published on: 4 Dec 2020 10:08 PM IST
मशीनगन वाली बोट्स: लद्दाख में होंगी तैनात, चीन को बनाएंगी निशाना
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लखनऊ: भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है। राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के बाद भी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं डटी हुईं है। अप्रैल में दोनों देशों के बीच एलएसी पर शुरू हुआ तनाव और जून में सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद से भारत ने अपनी तीनो सैन्य शक्तियों को मजबूत करना शुरू कर दिया है। सैनिकों की संख्या बड़ा दी गयी तो वहीं एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, टोपे और अन्य हथियारों की भी तैनाती बढ़ा दी।इसी कड़ी में भारत अब चीन को टक्कर देने और अपनी पेट्रोलिंग को दमदार करने के लिए अत्याधुनिक बोट पैंगोंग झील में उतारने की तैयारी में हैं।

स्वदेशी बोट्स पैंगोंग झील पर होगी तैनात

दरअसल पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पैंगोंग त्सो झील संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में चीन हमेशा से यहांपेट्रोलिंग के दौरान अपनी बोट के जरिए भारतीय बोट को टक्कर मारकर नुकसान पहुंचाने की और भारतीय सेना की बोट को डुबोने की कोशिश करता रहता है।

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लेकिन अब भारत ने चीन से टक्कर लेने के लिए नई स्टाइल बोट तैयार करने की दिशा में काम कर लाया है। ये बोट्स पूरी तरह से स्वदेशी होगी, जिन्हें भारत में ही बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगले साल गर्मियों तक भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख के पैंगाग झील में इन बोट्स को उतार देगी।

स्टील की मजबूत बोट्स बना रहा भारत

तैयार हो रही स्वदेशी बोट्स चीन की बोट्स से काफी बेहतर और नई तकनीक से लैस होंगी। इन्हे स्पेशल स्टील और स्पेशल धातु से बनया जा रहा है। साथ ही अत्याधुनिक सर्विलांस और कम्युनिकेशन लगाए जा रहे हैं। इन्हे बनाने में सबसे ज्यादा बकस किया जा रहा है इनकी मजबूती पर ताकि चीन इन्हे टक्कर मार कर नुकसान न पहुंचा सकें। इसके लिये स्टील की मोटी प्लेटें भी लगाई जा रही हैं। नई बोट में जवानों के बैठने की भी ज़्यादा जगहें होंगी. इन बोट में क़रीब 25-30 जवान एक साथ बैठ सकते हैं।

बोट्स में फायरिंग के लिये सामने हल्की मशीनगन लगाई जाने की व्यवस्था की जाएगी। अंदर से फ़ायर करने के लिए लूप होल्स बनाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि फिलहाल 2 दर्जन के क़रीब बोट को बनाने पर काम चल रहा है

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