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पहले चुनाव...अब संसद में दिखी 'संविधान लाल रंग' की किताब, आखिरी किस कलर का है संविधान?
India Constitution Book: ऐसे में सवाल उठाता है कि राहुल गांधी और अन्य नेताओं के हाथों में बार बार जो लाल रंग की संविधान की कॉपी दिखाई दे रही है तो क्या इसी रंग का मूल संविधान की प्रति है?
India Constitution Book: एक बार फिर इंडिया गठबंधन के नेताओं के पास संविधान की लाल रंग की छोटी कॉपी दिखी है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में भाग लेने के लिए जब कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के चुने हुए नए सांसद संसद भवन पहुंचे तो उनके हाथों ने संविधान की लाल रंग की छोटी कॉपी दिखाई दी है। इसी कॉपी को दिखते हुए सत्र के पहले दिन ही विरोधी पार्टी नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्त को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ संसद भवन के अंदर विरोध प्रदर्शन किया। ऐसे में सवाल उठाता है कि राहुल गांधी और अन्य नेताओं के हाथों में बार बार जो लाल रंग की संविधान की कॉपी दिखाई दे रही है तो क्या इसी रंग का मूल संविधान की प्रति है? तो जान लीजिए संविधान की मूल प्रति का रंग लाल है या फिर कोई और रंग की है?
लोक चुनाव में खूब दिखी संविधान की प्रति
दरअसल, लाल रंग की संविधान की मूल प्रति सबसे पहले लोकसभा चुनाव के चुनावी रैलियों में दिखाई दी थी। इसी कॉपी को दिखाकर राहुल गांधी समेत तमाम विरोधी दल के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावार थे और कहा था कि मोदी सरकार संविधान बदलने का काम कर रही है, अगर तीसरी बार मोदी सराकार आए तो संविधान बदल देगी। विपक्षीय नेताओं का इस मुद्दे का असर कहीं हद तक काफी दिखा। इस मुद्दे जहां विरोधियों ने इस चुनाव में अपनी सीटें बढ़ाईं तो वहीं, भाजपा की सीटों काफी गिरावट हुई।अकेले दम पर भाजपा सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत तक नहीं पहुंच पाई, लेकिन यह मुद्दा इतना प्रभावी नहीं बन सका कि केंद्र की सत्ता में तीसरी बार मोदी सरकार को रोक पाए। एनडीए के सहयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। चुनाव खत्म हो गया है। मोदी सरकार 3.0 का गठन भी हो चुका है। आज से मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला सत्र भी शुरू हो चुका है, लेकिन संविधान खतरे का मुद्दा खत्म होने का नाम नहीं रहे हैं।
खैर संविधान खतरे हैं या नहीं ये यो विरोधियों का मुद्दा है, लेकिन अगर सरकार के बयान की बात करें तो वह बार बार कह चुकी है, संविधान कोई को खतरा नहीं है। यह विपक्ष का मुद्दा है, वह जनता को गुमराह कर रही है। तो जान लीजिए कि विपक्ष जिस संविधान की लाल रंग की किताब को लेकर घूम रहा है, उसका असली रंग क्या है?
इस रंग की है मूल प्रति
चलिए, इस लाल किताब के बहाने आज आपको बताते हैं कि आखिर हमारे मूल संविधान का रंग कैसा है। हकीकत यह है कि मूल संविधान के कवर पेज पर कहीं भी लाल रंग नहीं है। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में संविधान की मूल प्रति छपी थी। उन दोनों मूल प्रति को आज भी संसद के भीतर हीलियम के एक बॉक्स में सुरक्षित रखा गया है। इसका आवरण पृष्ठ को सुनहरे और काले रंग से तैयार किया गया है। इस पर पहले ‘भारत का संविधान’ लिखा है और फिर नीचे आशोक स्तंभ छपा है। पूरे संविधान में कहीं भी लाल रंग नहीं है। जो विपक्ष संविधान लेकर घूम रहा है, वह इसका असली रंग नही हैं।