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भारत-फ्रांस की जंगी तैयारी: जोधपुर में गरजेंगे लड़ाकू विमान, वायुसेना दिखाएगी ताकत

जोधपुर के वायु सेना स्टेशन पर वायु अभ्यास एक्स डेजर्ट नाइट-21 का आयोजन होगा, जिसमें भारतीय वायुसेना और फ्रांस एयरफोर्स के लड़ाकू विमान शामिल होंगे।

Shivani Awasthi
Published on: 19 Jan 2021 10:15 PM IST
भारत-फ्रांस की जंगी तैयारी: जोधपुर में गरजेंगे लड़ाकू विमान, वायुसेना दिखाएगी ताकत
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लखनऊः भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु एवं अंतरिक्ष सेना (आर्मी डी डे’एर एट डी'स्पेस) 20 से 24 जनवरी तक जोधपुर के वायु सेना स्टेशन पर आयोजित वायु अभ्यास एक्स डेजर्ट नाइट-21 में हिस्सा लेंगी। जिसमें दोनों देशों के लड़ाकू विमान शामिल होंगे।

जोधपुर के भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायुसेना का युद्धाभ्यास

फ्रांस की तरफ़ से राफेल, एयरबस ए-330 मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी), ए-400एम सामरिक परिवहन विमान और लगभग 175 वायुसैनिक इस अभ्यास में भाग लेंगे। वहीं भारत की ओर से वायु सेना के विमानों में मिराज 2000, सु -30 एमकेआई, राफाल, आईएल -78 फ्लाइट के दौरान ईंधन भरने वाले विमान, एडब्ल्यूएसीएस तथा एईडब्ल्यू एंड सी विमान शामिल होंगे।

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डेजर्ट नाइट-21 में लेगी सेनाएं हिस्सा

यह सैन्य अभ्यास दोनों वायु सेनाओं के बीच सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में, भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी एवं अंतरिक्ष सेना ने मिलकर 'गरुड़' नाम के वायुसैनिक अभ्यास के छह संस्करणों का आयोजन किया है। आखिरी 'गरुड़' अभ्यास जुलाई 2019 में फ्रांस के मोंट-द-मारसन एयरबेस में आयोजित किया गया था।

RAFALE AIRCRAFT

दोनों देशों के लड़ाकू विमान दिखाएंगे ताकत

इसके अलावा मौजूदा सैन्य सहयोग को और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से दोनों देशों की सेनाओं ने 'होप-एक्सरसाइज' के संचालन के लिए उपलब्ध अवसरों का लाभकारी रूप से उपयोग किया है। 2018 में पिचब्लैक अभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया की उड़ान भरते समय फ्रांसीसी वायु एवं अंतरिक्ष सेना की तैनाती आगरा और ग्वालियर वायुसेना स्टेशनों में लड़ाकू विमानों और एमआरटीटी विमानों के साथ अभ्यास के लिए की गई थी। मौजूदा समय में डेजर्ट नाइट -21 अभ्यास के लिए फ्रांसीसी टुकड़ी एशिया में अपने 'स्काईरोस डिप्लॉयमेंट' के हिस्से के रूप में तैनात है और जोधपुर वायु सेना स्टेशन में उड़ान भरेगी।

आसमान में गरजेगा राफेल

यह अभ्यास अपने आप में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें राफेल विमान दोनों ही देशों की वायु सेनाओं में शामिल है और यह दो प्रमुख वायु सेनाओं के बीच बढ़ते हुए सहयोग का संकेत है। चूंकि दोनों वायु सेनाओं की टुकड़ियों के बीच 20 जनवरी से हवाई अभ्यास सहयोग शुरू होना है, इसलिए इलाक़ों और कालांतर में प्राप्त परिचालन अनुभव को ध्यान में रखा जाएगा तथा परस्पर व्यवहार को बढ़ाने के लिए विचारों एवं सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने का प्रयास भी होगा।

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Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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