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पैसे की कमी दूर करने के लिए मंथन, काले धन की हेराफेरी वालों पर है सरकार की नजर
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद की देखरेख में कमेटी की एक बार बैठक भी हो चुकी है। नीति आयोग के अधिकारियों का कहना है कि गांवों में अब ज्यादा से ज्यादा पैसे भेजे जा रहे हैं ताकि परेशानी दूर की जा सके।
नई दिल्ली: पिछले 8 नवम्बर की रात 8 बजे 1000 और 500 के नोट बंद करने के बाद मोदी सरकार दो मोर्चों पर जूझ रही है। एक ओर विपक्ष इस मामले में जनता को लेकर हो रही परेशानियों पर हो हल्ला मचा रहा है तो ग्रामीण इलाकों में पैसे की कमी के हालात कैसे सुधारे जाएं, सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। शहरों में हालात पहले की अपेक्षा बेहतर हुए हैं। शुरूआती तीन चार दिन में तो हालत बहुत ही खराब थी। इस मामले में बड़ी मात्रा में काला धन रखने वाले स्थिति को बिगाड़ने में पूरी मदद कर रहे हैं।
कमेटी गठित
केंद्र सरकार स्वीकार कर चुकी है कि गांवों में बैंकों की कम शाखाओं और कम एटीएम के कारण परेशानी बढ गई है। भारत गांवों का देश है लेकिन बैंकों की शाखाएं काफी कम हैं। बैंक से काम होने पर जाने वाले गांव वालों को लंबी दूरी तय करनी होती है।
नोट बंदी से गांव वालों को हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है। खासकर सुदूर गांव जहां बैंक जाना मंजूर नहीं करते। कुछ निजी कंपनियां इसके लिए आगे आई हैं जो गांवों में अपनी सेवा देने को तैयार हैं। लेकिन भारत जैसे बड़े देश जहां बड़ी आबादी गांवों में रहती है निजी कंपनियां इस कमी को पूरा नहीं कर सकतीं। बिहार में ये परेशानी और भी ज्यादा है। यूपी की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है।
जनधन पर नजर
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद की देखरेख में कमेटी की एक बार बैठक भी हो चुकी है। नीति आयोग के अधिकारियों का कहना है कि गांवों में अब ज्यादा से ज्यादा पैसे भेजे जा रहे हैं ताकि परेशानी दूर की जा सके।
दो अन्य मुद्दे भी केंद्र सरकार की नजर में आए हैं। पहला उत्तर पूर्व के राज्यों में आयकर के अलग नियम जिससे मनी लांडरिंग को बढावा मिलता है। हाल ही में नागालैंड के एक राजनीतिज्ञ के पास से बडी रकम बरामद की गई है। दूसरा मामला प्रधानमंत्री जनधन योजना का है जिसमें कुछ खातों में नोट बंदी के बाद बडी रकम जमा की गई है। काला धन रखने वाले बडी मात्रा में अपना अघोषित पैसा रखने के लिए इस खाते का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये पता चला है कि नोट बंदी के बाद जनधन के खाते में हर महीने में जमा होने वाली रकम में 30 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
नए कदम
कुछ लोगों ने अपना काला धन रखने के लिए दूसरों के जन धन खातों का इस्तेमाल किया है ताकि समय बीत जाने पर वो अपनी रकम आसानी से निकाल लें। केंद्र सरकार अब सभी जनधन खाता रखने वालों को एटीएम की सुविधा देने जा रही है ताकि सही खाता धारक ही रकम निकाल सकें।
इसके अलावा बडी मात्रा में जमा हो रही रकम की भी सरकार जांच कर रही है ताकि ये पता चले कि पैसा हेराफेरी का तो नहीं है।
(फोटो साभार: द हिंदू)