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खतरनाक वायरस भारत में देगा दस्तक! सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम

एक खतरनाक वायरस ने आजकल चीन में भयंकर तबाही मचाया है। इस नोवेल कोरोना नाम के वायरस के कारण भयंकर दहशत फैली हुई है। यह वायरस चीन के वुहान और शेनजेन शहर...

Deepak Raj
Published on: 22 Jan 2020 9:04 AM GMT
खतरनाक वायरस भारत में देगा दस्तक! सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम
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नई दिल्ली। एक खतरनाक वायरस ने आजकल चीन में भयंकर तबाही मचाया है। इस नोवेल कोरोना नाम के वायरस के कारण भयंकर दहशत फैली हुई है। यह वायरस चीन के वुहान और शेनजेन शहर में धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है। वहीं अब एक भारतीय टीचर भी इस वायरस की चपेट में आ चुकी हैं। और उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही है।

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बता दें कि भारतीय टीचर चीन में पहली विदेशी नागरिक हैं जो सीवियर एक्युट रेस्पायरेटरी सिंड्रॉम (SARS) जैसे वायरस की चपेट में आ चुकी हैं। इस वायरस की चपेट में आने के बाद उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। जिसके बाद प्रीति माहेश्वरी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। प्रीति माहेश्वरी शेंजेनव के इंटरनेशनल स्कूल में टीचर हैं।

पशु मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं

WHO की प्राथमिक जांच से मिली जानकारी के मुताबिक यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है। कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। दुर्लभ स्थिति में पशु मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं।

ये वायरस को समुद्री खाद्य बाजार से जोड़ती है

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन नोवेल कोरोना वायरस (एनसीओवी) से 14 लोगों की मृत्‍यु की पुष्टि होने के बाद स्थिति की निकटता से समीक्षा कर रहे हैं। 14 मरने वालों में 5 जनवरी, 2020 को चीन के वुआन में एक व्‍यक्ति की मृत्‍यु शामिल है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार स्थिति अभी विकसित हो रही है और प्राथमिक जांच से मिली जानकारी इस वायरस को समुद्री खाद्य बाजार से जोड़ती है।

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कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ जाते हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्‍ली तथा चमगादड़ सहित पशुओं में प्रवेश कर जाता है। दुर्लभ स्थिति में पशु कोरोना वायरस बढ़कर लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन वायरस की खबर आने के बाद से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था की तैयारियों की समीक्षा कर रही हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के निर्देश के अनुसार 8 और 15 जनवरी, 2020 को स्‍वास्‍थ्‍य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्‍यक्षता में संयुक्‍त निगरानी समूह (जेएमजी) की बैठकें बुलाई गईं। इसमें विभिन्‍न हितधारकों (स्‍वास्‍थ्‍य तथा गैर स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्रों) तथा डब्‍ल्‍यूएचओ के प्रतिनिधि शामिल हुए। सुश्री सूदन ने कहा कि दैनिक आधार पर सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य तैयारी तथा देश में एनसीओवी की समय से पहचान और इसके फैलाव को रोकने करने के लिए मूल क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए समीक्षा की जा रही है।

WHO के परामर्श के अनुसार स्थिति पर नजर रखी जा रही है

उन्‍होंने बताया कि डब्‍ल्‍यूएचओ के परामर्श के अनुसार स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस वायरस का मानव से मानव संक्रमण वैश्विक स्‍तर पर कम है। इसलिए सीमित मानव से मानव संक्रमण के तथ्‍य को भी ध्‍यान में रखा जा रहा है।

अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटकों की थर्मल स्‍कैनर के जरिये जांच होगी

लेकिन पर्याप्‍त चेतावनी के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने दिल्‍ली, मुम्‍बई तथा कोलकाता हवाई अड्डों पर चीन से आने वाले अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटकों की थर्मल स्‍कैनर के जरिये जांच करने का निर्देश दिया है। नागर विमानन मंत्रालय के सहयोग से विमान में इस संबंध में घोषणाएं की जा रही हैं। चीन जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया गया है। यह परामर्श स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्‍ध है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम तथा नियंत्रण (आईपीसी) और जोखिम संचार पर सभी सम्‍बन्धित को आवश्‍यक निर्देश जारी किया है। सामुदायिक निगरानी के लिए एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) बनाया गया है। एनआईवी पुणे, आईसीएमआर प्रयोगशाला देश में एनसीओवी के लिए नमूने की जांच में समन्‍वय कर रहे हैं।

संक्रमण के रोकथाम के लिए समीक्षा की गई

उच्‍चस्‍तरीय बैठकों में अस्‍पतालों में प्रबन्‍धन तथा संक्रमण रोकथाम नियंत्रण सुविधाओं के बारे में तैयारी की समीक्षा की गई है। राज्‍यों के साथ परामर्श और आईपीसी दिशा-निर्देश साझा किए गए हैं। पीपीई सहित पर्याप्‍त लॉजिस्‍टक भंडार उपलब्‍ध है।

राज्‍य सरकारों को आवश्‍यक एहतियाती उपाय करने की सलाह दी गई है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय विदेश मंत्रालय के सम्‍पर्क में है। हवाई अड्डों पर अप्रवासन अधिकारियों को इस बारे में संवेदी बनाया गया है।

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