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Republic Day: गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी को न्योता, 2 साल बाद विदेशी मुख्य अतिथि समारोह में होंगे शामिल
Republic Day : कोरोना महामारी की वजह से बीते दो वर्षों में गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई मुख्य अतिथि को नहीं बुलाया गया था। साल 2021 में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन भारत आए थे।
Republic Day: अगले साल यानी 2023 में होने वाले गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर आयोजित होने वाले समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति फत्ताह अल-सिसी (Egyptian President Fattah el-Sisi) को न्योता भेजा गया है। ख़बरों में दावा किया जा रहा है कि मिस्र के राष्ट्रपति अगले साल गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत आएंगे।
भारत और मिस्र के बीच राजनयिक संबंध काफी पुराने हैं। इसी वर्ष देशों ने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई है। इसी साल अक्टूबर में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने मिस्र यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अल-सिसी से मुलाकात की थी।
बोरिस जॉनसन थे आखिरी आमंत्रित मुख्य अतिथि
साल 2021 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित आखिरी विदेशी मुख्य अतिथि थे। हालांकि, तब ब्रिटेन में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने दस्तक दे दी थी। कोरोना ने वहां जमकर तबाही मचाई थी। जिसके बाद बोरिस जॉनसन ने भारत आने में असमर्थता जाहिर की थी।
कोरोना की वजह से दो वर्षों से नहीं आए कोई अतिथि
इसके बाद, दुनिया भर में कोरोना महामारी का आतंक रहा। जिस वजह से पिछले दो गणतंत्र दिवस की परेड में किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया था। लेकिन, अब जब कोरोना के मामलों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है, तो केंद्र सरकार ने एक बार फिर मुख्य अतिथि को बुलाने का अहम फैसला लिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था मिस्र का दौरा
गौरतलब है कि, सितंबर महीने में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिस्र का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य क्षेत्र को लेकर चर्चा हुई थी। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने समकक्ष मिस्र के रक्षा मंत्री जनरल मोहम्मद जाकी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच सैन्य क्षेत्र में भागीदारी तथा साझेदारी को लेकर करार हुए थे। इसमें सेना की ट्रेनिंग, रक्षा क्षेत्र में उपकरणों और हथियारों की साझेदारी में उत्पादन सहित कई मामलों पर सहमति बनी थी। मिस्र ने भारत में निर्मित तेजस लड़ाकू विमान को खरीदने में भी अपनी दिलचस्पी दिखाई है।