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DRDO के 'रुस्तम-2' का सफल परीक्षण, जबरदस्त है ये खासियत

tiwarishalini
Published on: 26 Feb 2018 5:15 AM GMT
DRDO के रुस्तम-2 का सफल परीक्षण, जबरदस्त है ये खासियत
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नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ान भरने में सक्षम रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया है। यह एक उचित ऊंचाई पर उड़ान भरने वाला मानवरहित विमान (यूएवी) है। बता दें कि, ये सफल परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के चलाकेरे से किया गया है।

रुस्तम-2 को अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोनों की तर्ज पर विकसित किया गया है। यह सशस्त्र बलों की निगरानी एवं रेकी की भूमिकाओं को अंजाम देने में मदद करेगा।

एक बयान के मुताबिक, ‘‘डीआरडीओ ने चित्रदुर्ग के चलाकेरे में अपने एरोनॉटिकल परीक्षण रेंज (एटीआर) में आज रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया।’’ डीआरडीओ ने कहा कि सफल परीक्षण के सभी मानक ‘‘सामान्य’’ रहे। रुस्तम-2 अलग-अलग तरह के पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है।

बता दें कि, इस ड्रोन का नाम साइंटिस्ट रुस्तम दमानिया के नाम पर रखा गया है। रुस्तम दमानिया की रिसर्च 80 के दशक में एविएशन सेक्टर में काफी काम आई थी। साल 2001 में उनकी मृत्यु हो गई थी।

ये है ड्रोन 'रुस्तम' की खासियत-

इस ड्रोन की स्पीड 225 किलोमीटर प्रति घंटा है। मजे की बात तो ये है कि यह लगातार 24 घंटे की उड़ान भर सकता है। यह 350 किलो हथियारों को एक साथ उठाने में भी सक्षम है। साथ ही इसमें कई तरह के सेंसर का भी इस्तेमाल हुआ है जिसकी वजह से यह ड्रोन तकनीकी रूप से और अत्यधिक उन्नत है।

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