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Presidential elections India: शरद पवार हो सकते हैं विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, भाजपा के लिए खड़ी होगी बड़ी दिक्कत
Presidential elections India: राष्ट्रपति के चुनाव को कांग्रेस की ओर से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। सियासी हलकों में शरद पवार का नाम भी उछल रहा है।
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का ऐलान के बाद विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने की कोशिशें तेज हो गई हैं। कांग्रेस (Congress) ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) समेत विपक्ष के तीन बड़े नेताओं से बातचीत की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्यसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को विपक्षी दलों के साथ समन्वय की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
राष्ट्रपति के चुनाव (Presidential Election 2022) को कांग्रेस की ओर से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। जानकारों के मुताबिक कांग्रेस इस बार अपना उम्मीदवार न लड़ाकर दूसरे दल को मौका देना चाहती है। ऐसे में सियासी हलकों में शरद पवार का नाम भी उछल रहा है। दरअसल शरद पवार ऐसे नेता हैं जिनके नाम पर विपक्ष के अन्य दलों को भी आपत्ति नहीं होगी। पवार के नाम पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को भी आसानी से तैयार किया जा सकता है। इस कारण विपक्षी खेमे से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पवार का नाम जोरों पर उछल गया है।
सोनिया ने बातचीत की कमान खड़गे को सौंपी
चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद विपक्षी खेमे में भी गतिविधियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को इस बाबत एनसीपी के मुखिया शरद पवार से बातचीत की है। पवार के अलावा सोनिया ने इस मुद्दे पर माकपा नेता सीताराम येचुरी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी चर्चा की है। कोरोना संक्रमित होने के कारण सोनिया गांधी ने दूसरे दलों के साथ बातचीत की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे को सौंपी है।
महाराष्ट्र के राज्यसभा चुनाव के सिलसिले में खड़गे इन दिनों मुंबई में हैं और उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में शरद पवार से चर्चा की है। हालांकि दोनों नेताओं की बातचीत में क्या नतीजा निकला, अभी इसका खुलासा नहीं हो सका है। खड़गे की जल्द ही टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से भी मुलाकात की संभावना है।
कांग्रेस देना चाहती है बड़ा संदेश
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के नेताओं से चर्चा के बाद राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्षी नेताओं की एक बड़ी बैठक बुलाई जा सकती है। इस बैठक में सभी विपक्षी नेताओं से चर्चा करके किसी एक नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बार अपना उम्मीदवार न उतारकर किसी और विपक्षी दल के चेहरे को मौका देने की इच्छुक है। इसके जरिए पार्टी एक तीर से दो निशाने साधना चाहती है।
पार्टी इस कदम के जरिए प्रधानमंत्री पद पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के साथ ही विपक्षी दलों को यह संदेश भी देना चाहती है कि वह सभी दलों को साथ लेकर चलने की इच्छुक है। कांग्रेस के इस कदम के जरिए दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के बीच व्यापक एकजुटता की संभावनाएं भी पैदा होंगी।
खड़गे ने की पवार से बातचीत
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की एनसीपी मुखिया शरद पवार से बातचीत के बाद सियासी हलकों में उम्मीदवार के रूप में पवार का नाम भी उछल गया है। हालांकि अभी तक इस मुद्दे पर पवार और एनसीपी नेताओं ने कोई टिप्पणी नहीं की है। पवार का नाम पहले भी राष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार के रूप में उछना था। हालांकि उस समय पवार ने इन संभावनाओं को खारिज कर दिया था। वैसे बदली हुई सियासी परिस्थितियों में अभी तक पवार की इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।
विपक्षी नेताओं से पवार के अच्छे रिश्ते
विपक्षी दलों के बीच शरद पवार का नाम ऐसा है जिस पर सभी को आसानी से तैयार किया जा सकता है। विपक्षी दलों की एकता के सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी पवार से मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में विपक्ष के इन दो बड़े चेहरों को भी पवार के नाम पर कोई आपत्ति नहीं होगी। द्रमुक, माकपा और शिवसेना नेताओं से भी पवार के अच्छे रिश्ते हैं। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार बनाने में सबसे बड़ी भूमिका पवार की ही रही है। ऐसे में अब सबकी निगाहें पवार पर लगी हुई हैं कि उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी की ओर से उतारा जाता है कि नहीं।