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Customs Duty : बादाम, अखरोट और सेब समेत 28 अमेरिकी उत्पादों पर ड्यूटी हटाएगा भारत
Customs Duty : भारत और अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में लटके पड़े सात में से छह विवादों को सफलतापूर्वक हल कर लिया है।
Customs Duty : नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में लटके पड़े सात में से छह विवादों को सफलतापूर्वक हल कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान द्विपक्षीय चर्चा के माध्यम से ये सफलता मिली है। इन छह विवादों में से तीन की पहल भारत द्वारा की गई थी और शेष तीन की शुरुआत अमेरिका द्वारा की गई थी।
भारत हटाएगा टैरिफ ड्यूटी
समझौते के अनुसार, भारत बादाम, अखरोट और सेब जैसे 28 अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक सीमा शुल्क हटा देगा। दरअसल, 2018 में अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर क्रमशः 25 फीसदी और 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया था। जवाबी कार्रवाई में भारत ने अमेरिका से 28 वस्तुओं पर आयात शुल्क लगा दिया था। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक, इन विवादों के खत्म होने से दोनों देशों को पारस्परिक रूप से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री आयात सहित शेष विवादों का निपटारा इस साल के अंत तक कर लिया जाएगा। अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि, राजदूत कैथरीन ताई ने कहा, यह टैरिफ कटौती अमेरिकी कृषि उत्पादकों और निर्माताओं के लिए बाजार के अवसरों को बहाल और विस्तारित करेगी।
स्टील और एल्युमिनियम
पिछले कुछ वर्षों में, अमेरिका और भारत को कई व्यापार असहमतियों का सामना करना पड़ा है, इनमें अमेरिका द्वारा 2018 में स्टील और एल्यूमीनियम पर उच्च शुल्क लगाना शामिल है। इन शुल्कों को लगाए जाने को लेकर भारत ने विश्व व्यापार संगठन में अमेरिका के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी।
पोल्ट्री आयात
लंबित विवादों में अमेरिका से पोल्ट्री आयात का मसला भी था। अमेरिका चाहता है कि भारत में पोल्ट्री भेजी जाए। लेकिन भारत ऐसा नहीं चाहता क्योंकि इससे स्वदेशी उद्योग खतरे में पड़ जायेगा। इस मामले में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि अभी चर्चा चल रही है और इस साल के अंत तक समाधान निकलने की उम्मीद है। 2015 में, भारत अमेरिका से पोल्ट्री आयात के संबंध में डब्ल्यूटीओ में एक लंबे समय से चला आ रहा विवाद हार गया था।परिणामस्वरूप, भारत को डब्ल्यूटीओ के फैसले का पालन करने के लिए 12 महीने की अवधि दी गई थी। अमेरिका ने शुरू में इस मामले के संबंध में भारत के खिलाफ व्यापार प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
निर्यात सब्सिडी
भारत के निर्यात सब्सिडी कार्यक्रमों पर अमेरिका की असहमति रही है। अमेरिका का दावा है कि ये सब्सिडी भारतीय निर्यातकों को वित्तीय लाभ प्रदान करती है, जिससे कम कीमतों पर सामान की बिक्री होती है जो अमेरिकी श्रमिकों और निर्माताओं को नुकसान पहुंचा सकती है।
हालाँकि विवादों को सुलझा लिया गया है, भविष्य की कार्रवाई के बारे में विशिष्ट विवरण का खुलासा नहीं किया गया है। गौरतलब है कि, अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है।