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India Richest People: देश के टॉप 1 फीसदी रईसों की दौलत 60 साल के सर्वाधिक लेवल पर

India Richest People: भारत की सबसे अमीर 1 फीसदी आबादी के पास केंद्रित संपत्ति छह दशकों में सबसे अधिक है और उनकी आय का प्रतिशत हिस्सा ब्राजील और अमेरिका सहित तमाम देशों से अधिक है। ये जानकारी दी है अनुसंधान समूह विश्व असमानता प्रयोगशाला ने।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 20 March 2024 6:39 PM IST
The wealth of the countrys top 1 percent rich is at its highest level in 60 years
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 देश के टॉप 1 फीसदी रईसों की दौलत 60 साल के सर्वाधिक लेवल पर: Photo- Newstrack

India Richest People: भारत की सबसे अमीर 1 फीसदी आबादी के पास केंद्रित संपत्ति छह दशकों में सबसे अधिक है और उनकी आय का प्रतिशत हिस्सा ब्राजील और अमेरिका सहित तमाम देशों से अधिक है। ये जानकारी दी है अनुसंधान समूह विश्व असमानता प्रयोगशाला ने। अध्ययन के अनुसार, 1947 में ब्रिटेन से आजादी हासिल करने वाले भारत ने 1992 में अपने बाजार विदेशी निवेश के लिए खोल दिए, इसके बाद से अरबपतियों की संख्या में खूब वृद्धि हुई है।

अरबपति राज

अध्ययन के लेखकों ने कहा है कि "भारत के आधुनिक पूंजीपति वर्ग के नेतृत्व वाला 'अरबपति राज' अब उपनिवेशवादी ताकतों के नेतृत्व वाले 'ब्रिटिश राज' से भी अधिक असमान है।" 2023 के अंत तक भारत के सबसे अमीर नागरिकों के पास देश की 40.1 फीसदी संपत्ति थी, जो 1961 के बाद सबसे अधिक थी। और कुल आय में उनकी हिस्सेदारी 22.6 फिसफी थी, जो 1922 के बाद से सबसे अधिक थी। 2023 के अंतिम तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी, जो डेढ़ साल में सबसे तेज़ है।

फंसे हुए हैं कम वेतन में

विश्व असमानता लैब ने कहा कि शिक्षा की कमी सहित कारकों ने कुछ लोगों को कम वेतन वाली नौकरियों में फंसा दिया है और निचले 50 फीसदी और मध्य 40 फीसदी भारतीयों की वृद्धि को प्रभावित किया है।

फोर्ब्स अरबपति रैंकिंग के डेटा से पता चलता है कि 1 बिलियन डॉलर से अधिक की शुद्ध संपत्ति वाले भारतीयों की संख्या 1991 में एक से बढ़कर 2022 में 162 हो गई है। 9 करोड़ 20 लाख भारतीय वयस्कों में से 10,000 सबसे धनी व्यक्तियों के पास औसतन 22.6 अरब रुपये की संपत्ति है, जो देश के औसत से 16,763 गुना अधिक है। देश के शीर्ष 1 फीसदी के पास औसतन 54 मिलियन की संपत्ति है।

बीते दिसंबर में भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा था कि सब्सिडी वाले अनाज वितरण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च, और ग्रामीण नौकरियों की योजना के माध्यम से सीधे नकद हस्तांतरण ने आय को अधिक समान रूप से वितरित करने में मदद की है।

Shashi kant gautam

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