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Rooh Afza Sharbat: भारत का रूहअफज़ा लेकिन बना रहे पाकिस्तान और बांग्लादेश

Rooh Afza Sharbat: दिलचस्प बात यह है कि इस मीठे पेय का इतिहास भारत के विभाजन से पहले का है । जब न पाकिस्तान था न बांग्लादेश। हमदर्द की स्थापना 1906 में हाकिम अब्दुल हमीद ने की थी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 15 Sep 2022 2:37 AM GMT
Indias Roohafza but Pakistan and Bangladesh are making
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रूहअफज़ा शरबत: Photo- Social Media

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Rooh Afza Sharbat: एक शर्बत को लेकर इन दिनों काफी गर्मा गर्मी है। मामला भारत-पाकिस्तान का है जिसमें अमेरिकी कम्पनी अमेज़न (American company Amazon) भी शामिल हो गई है। बात दरअसल रूहअफज़ा की है। रूहअफ़ज़ा (Roohafza) यानी देश भर में पीढ़ियों से लोगों द्वारा पिया जाने वाला एक बेहद लोकप्रिय शीतल पेय। हालाँकि, इसकी खपत भारत तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग भी इसके दीवाने हैं।

हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेज़न इंडिया को निर्देश दिया कि वह एक पाकिस्तानी कंपनी द्वारा निर्मित 'रूह अफज़ा' को अपनी लिस्टिंग से हटा दे। यह आदेश भारतीय समाज कल्याण एनजीओ हमदर्द नेशनल फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि भारत में अमेज़न ई-कॉमर्स साइट पर सूचीबद्ध 'रूह अफजा' भारत स्थित हमदर्द लैबोरेट्री द्वारा निर्मित नहीं हैं। लेकिन पाकिस्तानी कंपनियों द्वारा निर्मित रूहअफजा की पैकेजिंग पर इसका उल्लेख नहीं है।

रूहअफज़ा का इतिहास भारत के विभाजन से पहले का है

दिलचस्प बात यह है कि इस मीठे पेय का इतिहास भारत के विभाजन से पहले का है । जब न पाकिस्तान था न बांग्लादेश। हमदर्द की स्थापना 1906 में हाकिम अब्दुल हमीद ने की थी। उनके पोते हामिद अहमद, हमदर्द लैबोरेटरीज-इंडिया, फूड डिवीजन के सीईओ और ट्रस्टी का कहना है कि रूहअफजा का ट्रेडमार्क हमदर्द लैबोरेट्री, भारत के पास है। उन्होंने कहा है कि यह उत्पाद किसी अन्य उद्यम द्वारा भारत में सीधे या अन्य चैनलों के माध्यम से नहीं बेचा जा सकता है। लेकिन अमेज़न पर पाकिस्तान निर्मित रूहअफजा बेचा जा रहा था। हमने अमेज़ॅन और अन्य ई-कॉमर्स साइटों के साथ इस मामले पर चर्चा की। लेकिन उन्होंने इसे हटाने में असमर्थता दिखाई। हमारे पास तब उच्च न्यायालय जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।

अहमद ने बताया कि 1906 में, केवल एक हमदर्द था । लेकिन 1947 के बाद उनके परदादा का दूसरा बेटा - हकीम मोहम्मद सईद पाकिस्तान चला गया । उसने वहां हमदर्द शुरू कर दिया। जब 1971 में बांग्लादेश अस्तित्व में आया, तो वहां भी एक हमदर्द बन गया। ये तीनों रूह अफजा का निर्माण करते हैं।

रूहअफजा पाकिस्तान और बांग्लादेश के जन्म से भी पुराना

अहमद का कहना है कि रूहअफजा पाकिस्तान और बांग्लादेश के जन्म से भी पुराना है। यह एक भारतीय उत्पाद है। हम भारतीय बाजार को ग्रे मार्केट की घुसपैठ से बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि रूहअफ़ज़ा मूल रूप से एक दवा था। इसमें ठंडक देने वाले गुण होते हैं, यही वजह है कि गर्मियों में यह हमेशा मांग में रहता है। आज यह अत्याधुनिक के साथ तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसे तैयार करने के लिए ठंडी सब्जियों, फलों के रस और सुगंध के अर्क का उपयोग करते हैं।

बहरहाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेज़ॅन को भारत में अपनी ई कॉमर्स साइट से पाकिस्तान निर्मित रूहअफज़ा की लिस्टिंग को हटाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि रूहअफजा एक ऐसा उत्पाद है जिसे भारतीय जनता एक सदी से भी अधिक समय से उपभोग कर रही है । इसके गुणवत्ता मानकों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम और कानूनी माप विज्ञान अधिनियम द्वारा निर्धारित लागू नियमों का पालन करना होगा। यह आश्चर्य की बात है कि एक आयातित उत्पाद निर्माता के पूर्ण विवरण का खुलासा किए बिना अमेज़ॅन पर बेचा जा रहा है।

Shashi kant gautam

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