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...तो संसद के विशेष सत्र में देश का नाम बदलने का प्रस्ताव ला रही केंद्र सरकार, 'भारत' पर विमर्श से यही लग रहा
India vs Bharat Row: संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अब कयासबाजी जारी है कि, सरकार 'भारत' नाम को लेकर केंद्र सरकार बिल पेश कर सकती है।
India vs Bharat Row: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र (Special Session of Parliament) के दौरान 'इंडिया' (INDIA) का नाम बदलकर 'भारत' (BHARAT) करने के लिए एक नया प्रस्ताव ला सकती है। गौरतलब है कि, बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लंबे वक़्त से ये मांग मांग करती रही है कि, इंडिया का नाम बदलकर भारत किया जाए।
मोदी सरकार ने जब से संसद के विशेष सत्र का ऐलान किया है तभी से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कभी 'एक देश एक चुनाव' (One Nation One Election), तो कभी महिला आरक्षण (Women Reservation) तो कभी अन्य बिल के संसद में पेश होने की बातें होती रही है। लेकिन, मंगलवार (05 सितंबर) को देश में जिस तरह इंडिया बनाम भारत पर बहस छिड़ी उससे अब ये तय माना जा रहा है कि, संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार देश का नाम बदलने का प्रस्ताव ला सकती है।
'इंडिया' शब्द हटाने का प्रस्ताव हो सकता है पेश
उल्लेखनीय है कि, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कथित तौर पर चल रहे 'अमृत काल' (Amrit Kaal) के दौरान देश के लोगों को गुलामी वाली मानसिकता और ऐसी सोच से जुड़े किसी भी तत्व से मुक्त करने पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में संविधान से 'इंडिया' शब्द हटाने की योजना प्रतीत हो रही है। अब जब भारत बनाम इंडिया की बहस छिड़ी है तो ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि, इस संबंध में प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है। अतः ये कहा जा सकता है कि, 18-22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में सरकार 'इंडिया' शब्द हटाने के प्रस्ताव से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है।
'INDIA' पर क्या बोले RSS चीफ?
याद करें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल ही में एक प्रोग्राम के दौरान लोगों से 'इंडिया' (india) की जगह 'भारत' के इस्तेमाल की अपील की थी। आरएसएस प्रमुख ने संबोधन में कहा था, 'इस देश का नाम सदियों से भारत है, इंडिया नहीं। इसलिए हमें इसका पुराना नाम ही इस्तेमाल में लाना चाहिए।' सरसंघचालक भागवत ने आगे कहा, 'हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही रहा है। भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है।' आरएसएस चीफ ने कहा, 'हमारा देश भारत है। हमें सभी व्यावहारिक क्षेत्रों में 'इंडिया' शब्द का प्रयोग बंद कर 'भारत' शब्द का इस्तेमाल फिर शुरू करना होगा। तभी देश में बदलाव आएगा। उन्होंने ये भी कहा कि, हमें अपने देश को भारत ही कहना होगा। दूसरों को भी यह समझाना होगा।'
मितेश पटेल ने संसद में उठाया था सवाल
इसी तरह की बातें दिसंबर, 2022 में गुजरात के आनंद से बीजेपी सांसद मितेश पटेल ने भी की थी। उन्होंने कहा था, सितंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा विचार-विमर्श के अनुसार इंडिया का नाम बदलकर 'भारत' या ‘भारतवर्ष’ करने के बारे में लोकसभा में सवाल उठाया था। पटेल ने अब दावा किया है कि 'इंडिया' उस ‘गुलामी का प्रतीक है जिसके अधीन देश था, जैसा कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा नाम दिया गया था।'
कैसे शुरू हुआ इंडिया vs भारत
दरअसल, राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले G-20 समिट को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी है। इस बीच G-20 डिनर के निमंत्रण में राष्ट्रपति को 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' (President of Bharat) लिखने को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई। जिसके बाद, विपक्षी पार्टियों के गठबंधन INDIA के कई दलों की प्रतिक्रिया सामने आने लगी। सबसे पहले कांग्रेस की तरफ से जयराम रमेश ने टिप्पणी दी। उसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उनका कहना है ये सही नहीं है। वहीं, बीजेपी भी पलटवार कर रही है।
हालांकि, संसद के विशेष सत्र में केंद्र द्वारा देश का नाम बदलने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। अर्थात, सरकार 'भारत' नाम को लेकर बिल पेश कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो इसके पास होने की संभावना भी उतनी ही प्रबल होगी, क्योंकि जो विरोध करेंगे उन पर देश विरोधी होने का तोहमत लग सकता है। खैर, अब देखना होगा कि आगे क्या होता है।