ICFA News: 'भारतीय कृषि एवं खाद्य चैंबर' का हुआ पुनर्गठन, बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी बने बोर्ड मेंबर

ICFA News: बोर्ड में देश के प्रतिष्ठित नीति निर्माताओं, कृषि विशेषज्ञों, अकादमिक जगत के गणमान्य व्यक्तियों और प्रगतिशील किसानों का प्रभावशाली मिश्रण शामिल है। इस बोर्ड में देश के किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. राजाराम त्रिपाठी को भी शामिल किया गया है।

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Newstrack Network
Published on: 7 Nov 2024 4:08 PM GMT
Indian Agriculture and Food Chamber reorganized, Dr. Rajaram Tripathi of Bastar became board member
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'भारतीय कृषि एवं खाद्य चैंबर' का हुआ पुनर्गठन, बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी बने बोर्ड मेंबर: Photo- Newstrack

ICFA News: "भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर" (इंडियन चैंबर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर - ICFA), देश की शीर्ष कृषि संस्था, ने छठ पूजा के पावन अवसर पर अपने केंद्रीय बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विशेषज्ञों और प्रगतिशील नेतृत्वकर्ताओं को शामिल किया है। नवगठित 21-सदस्यीय इस बोर्ड का नेतृत्व प्रतिष्ठित पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु करेंगे, जिनके पास रेलवे, ऊर्जा, वाणिज्य और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है।

बोर्ड में देश के प्रतिष्ठित नीति निर्माताओं, कृषि विशेषज्ञों, अकादमिक जगत के गणमान्य व्यक्तियों और प्रगतिशील किसानों का प्रभावशाली मिश्रण शामिल है। इस बोर्ड में देश के किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. राजाराम त्रिपाठी को भी शामिल किया गया है। डॉ. त्रिपाठी अखिल भारतीय किसान महासंघ (AIFA) के राष्ट्रीय संयोजक हैं और जैविक खेती, औषधीय पौधों की खेती, उच्च मूल्य फसलें, और सस्टेनेबल नेचुरल ग्रीनहाउस मॉडल के सफल विकास के लिए प्रसिद्ध हैं।

वे सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (CHAMF) के चेयरमैन और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (NMPB) के सदस्य भी हैं। ICFA का सदस्य बनाए जाने पर डॉ. त्रिपाठी की नियुक्ति से विशेष रूप से बस्तर, छत्तीसगढ़ और देशभर के किसानों में प्रसन्नता का माहौल है, और एक नई आशा जगी है।

ICFA बोर्ड के प्रमुख सदस्य

1. श्री सुरेश प्रभु - कुलपति, ऋषिहुड विश्वविद्यालय और पूर्व केंद्रीय मंत्री (अध्यक्ष) 2. डॉ. अशोक दलवाई - अध्यक्ष, प्रधानमंत्री किसान आय दुगनीकरण कार्यबल, 3. डॉ. मीनश पटेल - अध्यक्ष, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, 4. श्री सिमोन टी. वाइबश - अध्यक्ष, दक्षिण एशिया, बायर क्रॉपसाइंस, 5. श्री आरके तिवारी - अध्यक्ष, ग्लोबल ग्रेन्स एंड पल्सेज काउंसिल,‌6. श्री जेपी मीणा - महासचिव, इंडियन बेवरेज एसोसिएशन 7. डॉ. एचके भानवाला - अध्यक्ष, एमसीएक्स बोर्ड और पूर्व अध्यक्ष, नाबार्ड, 8. डॉ. राजाराम त्रिपाठी - राष्ट्रीय संयोजक, AIFA, और अध्यक्ष, CHAMF शाहिद कृषि उद्योग , व्यापारी एवं शोध के क्षेत्र की देश की जानी-मानी हस्तियों को शामिल किया गया है।

पराली जलाने की समस्या पर चिंता व्यक्त की

छठ पूजा के शुभ अवसर पर पुनर्गठित इस बोर्ड की पहली बैठक का आयोजन हाइब्रिड मोड में दिल्ली में हुआ, जिसमें अध्यक्षता करते हुए श्री सुरेश प्रभु ने कृषि और खाद्य क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया। उन्होंने पराली जलाने की समस्या और दिल्ली के पर्यावरण पर इसके प्रभाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।

इस अवसर पर डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि देश में खेती तथा तथा किसान दोनों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। यदि किसानों को उचित सहायता नहीं मिली, तो आने वाली पीढ़ियाँ भोजन संकट का सामना कर सकती हैं। उन्होंने पराली की समस्या के स्थायी समाधान हेतु 11-सूत्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत करने का वचन दिया, जिसे बोर्ड के सभी सदस्यों ने सहर्ष स्वीकार किया तथा कहां की राम त्रिपाठी के सुझाव एवं अन्य सदस्यों से भी सुझाव लेकर इसे प्रधानमंत्री के प्रस्तुत करेगा।

किसान हितैषी कार्यों को बढ़ावा देने के इस पुनर्गठन का संयोग छठ लोकपर्व से जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है, जो कृषि से जुड़ी आस्था का प्रतीक है। ICFA का यह नया बोर्ड देश के किसानों, उद्योगों और अकादमिक संस्थाओं को साथ लाकर भारतीय कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगा, जिससे एक टिकाऊ और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित हो सके।

Shashi kant gautam

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