Sukhoi Jets Upgrade: 4 अरब डालर से अपग्रेड होंगे सुखोई जेट्स, आइये जाने पूरी जानकारी

Sukhoi Jets Upgrade: भारतीय वायुसेना को अपने लड़ाकू विमान सुखोई बेड़े को अपग्रेड करने के लिए 4 अरब डॉलर की जरूरत है। एचएएल ने पहले ही अपग्रेड प्रोग्राम का प्रस्ताव दिया है,

Neel Mani Lal
Published on: 27 Jan 2023 3:32 AM GMT
Sukhoi Jets Upgrade: 4 अरब डालर से अपग्रेड होंगे सुखोई जेट्स, आइये जाने पूरी जानकारी
X

Sukhoi Jets Upgrade: भारतीय वायुसेना को अपने लड़ाकू विमान सुखोई बेड़े को अपग्रेड करने के लिए 4 अरब डॉलर की जरूरत है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने पहले ही अपग्रेड प्रोग्राम का प्रस्ताव दिया है, जिसे जल्द ही सरकार द्वारा अनुमोदित किए जाने की उम्मीद है। एचएएल नोडल एजेंसी के तौर पर करीब 150 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को 'सुपर सुखोई' के तौर पर अपग्रेड करेगी। इस अपग्रेडेशन के बाद भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। भविष्य के हवाई युद्ध में इसे प्रासंगिक बनाए रखने के लिए वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई को अपग्रेड करना जरूरी हो गया है क्योंकि इसका सॉफ्टवेयर बहुत तेजी से खराब हो रहा है। वायुसेना को उम्मीद है कि पहला सुपर सुखोई विमान 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

150 विमानों का अपग्रेडेशन

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारतीय वायुसेना मिलकर सुखोई-30एमकेआई के लिए उपकरण और सिस्टम को अंतिम रूप देंगे, जिसके बाद 150 विमानों को अपग्रेड किया जाएगा। सुपर सुखोई कार्यक्रम को रूस ने मंजूरी दे दी है, क्योंकि सुखोई – एसयू30 एमकेआई - भारत और रूस के संयुक्त उत्पाद है। सुखोई को अपग्रेड करने के लिए रूस से कई कलपुर्जे और पुर्जे आने हैं। सुपर सुखोई में आधुनिक कॉकपिट शामिल होगा। अपग्रेड के प्रमुख भाग में एवियोनिक्स और सेंसर भी शामिल हैं।

फायर कण्ट्रोल रडार

एचएएल प्रस्तावित सुपर सुखोई कार्यक्रम में उत्तम एमके-3 एईएसए फायर कंट्रोल रडार विकसित करेगा। एचएएल 2024 में सुपर सुखोई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई घटकों का परीक्षण शुरू करेगा। सुपर सुखोई कार्यक्रम के लिए लॉन्च किए जाने वाले प्रोटोटाइप में चरणों में नई प्रणालियां शामिल होंगी जो 2027-28 तक पूर्ण पैमाने पर अपग्रेडेशन के साथ शुरू हो सकती हैं।

रूसी सुखोई कंपनी के साथ संयुक्त रूप से विकसित सुपर सुखोई ऐसा विमान होगा जो पड़ोसी देशों और पूरे हिंद महासागर क्षेत्र पर हावी हो सकता है। इस विमान के पंख कार्बन फाइबर से बने होंगे। आधुनिकीकरण कार्यक्रम में कॉकपिट और सभी प्रणालियों में सुधार किया जाएगा। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पायलटों के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में शिफ्ट होना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही ब्रह्मोस एयर-टू-ग्राउंड सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल कार्यक्रम के सहयोग से विमानों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। अब भारतीय रक्षा मंत्रालय और रूसी कंपनी आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत बंटे हुए काम को अंतिम रूप देंगे, जिसके बाद तय होगा कि कौन सा काम भारत में होगा और कौन सा काम रूस में होगा।

स्टील्थ विशेषताएं

सुपर सुखोई में उन्नत स्टील्थ विशेषताएं भी होंगी। सुपर सुखोई अन्य लंबी दूरी की मिसाइलों के इन्फ्रारेड-होमिंग विस्तारित-रेंज संस्करणों से भी लैस हो सकता है। मध्यम दूरी की मिसाइलों के अलावा सक्रिय रडार होमिंग मीडियम रेंज 100 किमी होगी। इसके साथ ही इसमें 80 किमी की मध्यम दूरी की अन्य मिसाइलें भी जोड़ी जा सकती हैं। सुपर सुखोई इलेक्ट्रॉनिक्स को अपग्रेड करेगा और इसमें हथियारों का भार अधिक होगा। सुपर सुखोई में एफजीएफए वाला ही इंजन होगा, जिससे इसकी लाइफ बढ़ जाएगी। सुपर सुखोई कार्यक्रम भारतीय रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद प्रक्रिया के ऑफसेट नियमों के अंतर्गत नहीं आएगा, क्योंकि यह उन्नयन परियोजना रूस के सतह पिछले सुखोई समझौते का एक हिस्सा है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

Next Story