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Operation Dost in Turkey: तुर्कीये गए भारतीय जवान के घर आया नन्हा मेहमान, साथी जवानों ने सुझाया ये नाम
Operation Dost in Turkey: तुर्की गए 99 सदस्यीय भारतीय दल में सेना में हवलदार राहुल चौधरी भी गए हैं। तुर्कीये में लोगों भूकंप पीड़ितों की सेवा कर रहे राहुल को भारत से गुड न्यूज मिला।
Operation Dost in Turkey: 6 फरवरी को तुर्कीये और सीरिया में आए भयानक भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई है। दोनों देशों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। दुनिया के करीब 100 मुल्क तुर्कीये में राहत एवं बचाव अभियान चला रहे हैं। इनमें भारत भी शामिल है। भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत अपने बचावकर्मियों को तुर्की में उतारा है। तुर्की गए 99 सदस्यीय भारतीय दल में सेना में हवलदार राहुल चौधरी भी गए हैं। तुर्कीये में लोगों भूकंप पीड़ितों की सेवा कर रहे राहुल को भारत से गुड न्यूज मिला।
राहुल की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है। इस खबर के सामने आने के बाद भारतीय दल में जश्न का माहौल है। सभी साथी जवान राहुल को गले लाकर बधाईयां दे रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ जवानों ने तो उन्हें उनके बेटे के लिए नाम भी सुझाया है। साथी जवानों ने राहुल से उन्हें अपने बेटे का नाम तुर्की चौधरी रखने का आग्रह किया है।
राहुल के साथ टीम में मौजूद एक अन्य जवान सिपाही कमलेश कुमार चौहान भी तुर्कीये पहुंचते ही पिता बने। साथी जवानों ने उन्हें भी अपने बेटे का नाम इस्केंद्रम चौहान रखने को कहा है। राहुल और कमलेश अपने साथी जवानों की भावनाओं का ख्याल रखते हैं या नहीं ये तो समय बताएगा।
छुट्टी पर जाने वाले थे राहुल
यूपी के हापुड़ के रहने वाले राहुल चौधरी अपनी पत्नी की डिलिवरी के कारण कुछ समय के लिए छुट्टी प्लान कर रहे थे। 8 फरवरी को उनकी पत्नी की सीजेरियन डिलिवरी होनी थी। वे छुट्टी के लिए अप्लाय करने ही वाले थे कि उनका नाम तुर्की जाने वाले दल में शामिल कर लिया गया। पासपोर्ट जारी होने के बाद वे पसोपेश में पर गए। उन्होंने अपनी दुविधा से सीनियर्स को अवगत कराया। इस पर उनके सीनियर्स ने उन्हें एकबार फिर अपनी पत्नी से बात करने को कहा।
बकौल राहुल उनकी पत्नी ने इस पर तुरंत हामी भर दी और कहा कि मुझे देश की सेवा पहले करनी चाहिए। इसके बाद खुशी मन से राहुल दल के साथ तुर्कीये रवाना हो गए। जहां पहुंचने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें उनके परिवार ने ये गुड न्यूज दिया।
बता दें कि तुर्कीये और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से अब तक 36 हजार से अधिक मौतें दर्ज की जा चुकी हैं। वहीं, घायलों का आंकड़ा 1 लाख पहुंचने के करीब है। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। सबसे खराब हालत सीरिया की है। क्योंकि वहां अभी तक ठीक से मदद नहीं पहुंच सकी है।