TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

ये मंदी की आहट तो नहीं, अर्थव्यवस्था की खराब सेहत दे रही संकेत

भले ही केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर लाख दावे करे लेकिन वो मंदी की तरफ तेजी से बढ़ रही है, ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे बल्कि ऑटो बिक्री, प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी और घरेलू बचत में आई गिरावट के बाद ये बात सामने आई है।

Rishi
Published on: 9 April 2019 1:18 PM IST
ये मंदी की आहट तो नहीं, अर्थव्यवस्था की खराब सेहत दे रही संकेत
X

नई दिल्ली : भले ही केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर लाख दावे करे लेकिन वो मंदी की तरफ तेजी से बढ़ रही है, ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे बल्कि ऑटो बिक्री, प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी और घरेलू बचत में आई गिरावट के बाद ये बात सामने आई है।

जीडीपी की तुलना में घरेलू बचत गिरकर वर्ष 2017-18 में 17.2 फीसदी हो गई, जो वर्ष 1997-98 के बाद से सबसे कम है। आरबीआई के आंकड़े के मुताबिक, घरेलू बचत में गिरावट आई है, लिहाजा इसने निवेश को वर्ष 2012 से 2018 के दौरान 10 आधार अंकों तक नीचे गिरा दिया है।

ये भी देखें :लोकसभा चुनाव : जानिए पुडुचेरी लोकसभा सीट के बारे में, सिर्फ यहां…

वहीं प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर भी संग्रह कुछ खास नहीं रहा। एक अप्रैल को जारी आंकड़े पर नजर डालें तो, प्रत्यक्ष कर संग्रह कमजोर निजी आय कर संग्रह के कारण 50,000 करोड़ कम हो गया। इसके कारण वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संशोधित 12 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका।

सूत्रों ने कहा कि निजी आय कर का 5.29 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका और इसमें भी 50,000 करोड़ रुपये की कमी रही। इसके कारण वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह को नीचे गिरा दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक, घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री में वर्ष दर वर्ष आधार पर मार्च में 2.96 फीसदी की गिरावट रही और यह 291,806 वाहनों की रही। यात्री वहनों की घरेलू बिक्री 2018 में 300,722 वाहनों की रही।

ये भी देखें : लोकसभा चुनाव : जानिए दमन एंड दीव लोकसभा सीट के बारे में, सिर्फ यहां…

वहीं एफडीआई में भी मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान सात फीसदी की गिरावट आई जो 33.49 अरब डॉलर रहा। जबकि एफडीआई पिछले कुछ वर्षो से बढ़ रहा था। अप्रैल-दिसंबर 2017-18 की अवधि के दौरान एफडीआई 35.94 अरब डॉलर रहा था।



\
Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story