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यात्रा करने से बचें...,' रिजर्वेशन सिस्टम को लेकर छात्र हुए बांग्लादेश में उग्र, भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी
Indian Embassy: बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में शामिल परिवार के सदस्यों के लिए आरक्षण समाप्त करने की मांग की जा रही है। इस मांग को लेकर देश के अधिकांश युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं और अपना विरोध सरकार के खिलाफ जता रहे हैं।
Indian Embassy: बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में एक खास वर्ग को आरक्षण दिये जाने के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए हैं। इसको रद्द किये जाने की मांग को लेकर छात्र और युवा बांगलादेश में जोरदार प्रदर्शन और तोड़फोड़ कर रहा हैं। शुरू हुआ यह बवाल धीरे धीरे भारी हिंसा में तब्दील हो गया है। इसको देखते हुए वहां मौजूद भारतीय दूतावास एक्शन में आ गया है। भारतीय दूतावास ने गुरुवार को बांगलादेश में रह रहे भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
यात्रा करने से बचें...
भारतीय दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में भारतीय समुदाय के लोगों से बेवजह की यात्रा करने से बचने को कहा है। एडवाइजरी के द्वारा दूतावास ने कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा हालात को देखते हुए वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोग और छात्र किसी यात्रा करने से बचें। भारतीय दूतावास 24 घंटे अपने नागरिकों की सेवा के लिए तत्पर है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
भारतीय दूतावास की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी भी किए गए हैं। ऐसे में अगर किसी को भी वहां पर कोई दिक्कत आए तो वह इन नंबरों पर कॉल सकता है और अपनी समस्या बता सकता है।
जानिए क्यों हो रहा बवाल?
बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में शामिल परिवार के सदस्यों के लिए आरक्षण समाप्त करने की मांग की जा रही है। इस मांग को लेकर देश के अधिकांश युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं और अपना विरोध सरकार के खिलाफ जता रहे हैं। प्रदर्शनरत छात्रों कहना है कि सरकार इस कोटा को खत्म करे और मेरिट आधार नौकरी दे। हालांकी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह इस आरक्षण को खत्म नहीं करेंगे। साथ ही, इस इस हिंसा के चलते हुई मौतों के जिम्मेदार लोगों को जरूर सजा देंगी। अलग-अलग जगहों पर हुई इन हिंसाओं में अब तक करीब 6 लोगों की मौत हुई हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री ने हत्याओं की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है।
इंडडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बांग्लादेश में 2018 तक 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां अलग-अलग श्रेणियों के लिए आरक्षित थीं। इसमें 30 प्रतिशत नौकरियां उन परिवारों के सदस्यों के लिए आरक्षित हैं, जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। बाकी अन्य कोटे के लिए आरक्षित हैं। इसके बाद मात्र 44 फीसदी नौकरियां ही ओपन एडमिशन के लिए बची हैं। ओपन एडमिशन कोटे की बढ़ाने की मांग को लेकर युवा प्रदर्शन कर रहे हैं।indian-embassy