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इन लड़कियों में है गजब का जज्बा, बिना तारीफ किए नहीं रह पाएंगे आप

इन लड़कियों का जज्बा वाकई काबिलेतारीफ है। कमांडो ट्रेनिंग लेने वाली इन लड़कियों ने स्वेच्छा से इस कड़े ट्रेनिंग कोर्स के लिए आवेदन किया था।

tiwarishalini
Published on: 11 Aug 2017 5:06 PM IST
इन लड़कियों में है गजब का जज्बा, बिना तारीफ किए नहीं रह पाएंगे आप
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नई दिल्ली: इन लड़कियों का जज्बा वाकई काबिलेतारीफ है। कमांडो ट्रेनिंग लेने वाली इन लड़कियों ने स्वेच्छा से इस कड़े ट्रेनिंग कोर्स के लिए आवेदन किया था। वे ऐसा कड़ा प्रशिक्षण ले रही हैं जिसका सामना करने से अच्छे-अच्छे लोग भी घबराते हैं। दिल्ली पुलिस के झड़ौदा कलां स्थित ट्रेनिंग कॉलेज में इन लड़कियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनके ग्रुप को स्पेशल 41 नाम दिया गया है। इन महिला पुलिसकर्मियों ने चार महीने की कड़ी ट्रेनिंग का आधा सफर पूरे जज्बे के साथ पूरा कर लिया है। इसके पहले वे महिला सिपाही की भी दस महीने की ट्रेनिंग ले चुकी हैं जिसमें उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है।

नार्थ ईस्ट की हैं सभी लड़कियां

हरियाणा के बहादुरगढ़ जिले के बॉर्डर से सटे इलाके झदौड़ा कलां में दिल्ली पुलिस का ट्रेनिंग कॉलेज बनाया गया है। यहां एडवांस व अपग्रेडेड कमांडो ट्रेनिंग लेने वाली सभी लड़कियां नार्थ ईस्ट की हैं। 41 लड़कियों में सबसे ज्यादा लड़कियां असम की हैं। असम की 16 लड़कियां यहां ट्रेनिंग ले रही हैं। सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और त्रिपुरा की पांच-पांच लड़कियां यहां प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंची हैं। मिजोरम की 22 वर्षीय मेरिना अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं मगर फिर भी उन्होंने स्वेच्छा से यह ट्रेनिंग चुनी है। मेरिना की तरह ही यहां ट्रेनिंग लेने वाली दो और लड़कियां भी मां-बाप की इकलौती संतान हैं। त्रिपुरा की 20 वर्षीय पायल दास सबसे युवा हैं जबकि मणिपुर की 26 वर्षीय सरजू बाला सबसे बड़ी हैं। इन लड़कियों को मुसीबत के हर लम्हे का सामना करने में दक्ष बनाने का काम 24 स्पेशल कमांडो ट्रेनर कर रहे हैं। चार महिला ट्रेनर को भी प्रशिक्षण में लगाया गया है। एसीपी रैंक के अधिकारी ओ.पी.शर्मा इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के अगुवा हैं। लड़कियों की भाषा संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए नार्थ ईस्ट के एक इंस्ट्रक्टर को भी ट्रेनिंग के काम से जोड़ा गया है।

शारीरिक रूप से मजबूत बनाना मकसद

कठिन ट्रेनिंग का मकसद हर तरह की मुसीबत का सामना करने में सक्षम बनाना है। इसलिए इन महिलाओं को सेल्फ डिफेंस के साथ मार्शल आर्ट, अटैक, फायरिंग, गिरफ्तारी अनआम्र्ड कॉम्बेट टेक्नीक्स भी सिखाई जा रही है। इन्हें कराटे, कुंग फू, ताइक्वांडो और जूडो के अलावा फिलीपींस का मशहूर मार्शल आर्ट पेकिति तिरसिया काली भी सिखाया जा रहा है। इजरायल की सेना द्वारा विकसित मार्शल आर्ट भी इन्हें सिखाई जा रही है। ट्रेनिंग का मकसद इन लड़कियों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है।

हालांकि, नार्थ ईस्ट की होने की वजह से इन लड़कियों को नॉनवेज खाना ही ज्यादा पसंद है मगर लड़कियों के ट्रेनर इंस्पेक्टर तारिक सिंह गहलोत ने बताया कि अब 95 प्रतिशत लड़कियां वेजिटेरियन खाना ही पसंद करने लगी हैं। हम इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि इनका खाना पौष्टिक हो और उसमें चर्बी की मात्रा कम हो। लड़कियों के मनोरंजन के लिए मैस और रीक्रिएशन रूम में टीवी भी लगाए गए हैं। इसके अलावा हर शनिवार की शाम को कल्चरल प्रोग्राम भी होते हैं और ऑडिटोरियम में कोई फिल्म भी दिखाई जाती है। मणिपुर की सरजू बाला कहती हैं कि पहले थोड़ा बुरा लगता था मगर अब हमें वेजिटेरियन खाना पसंद आने लगा है। इस ग्रुप में शामिल ज्यादातर लड़कियां 12वीं पास हैं, लेकिन कुछ लड़कियां ग्रेजुएशन की तैयारी भी कर रहीं हैं। लड़कियों को रूम पर अपने साथ मोबाइल रखने की इजाजत है, ताकि वे रोज अपने पैरेंट्स से बात कर सकें। ट्रेनिंग के दौरान अनुशासन पर खासा जोर रहता है। अनुशासन तोडऩे पर सजा भी दी जाती है।

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दिल्ली पुलिस के कमांडो ग्रुप का हिस्सा होंगी लड़कियां

शर्मा का कहना है कि ये सभी महिलाएं पूरी तरह प्रोफेशनल हैं और ट्रेनिंग के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। नींद से उठने के तुरंत बाद ही वे एक्शन में आ जाती हैं। अलार्म बजाते ही उन्हें तैयार होने में तनिक भी समय नहीं लगता। शर्मा ने बताया कि पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक चाहते थे कि दिल्ली पुलिस में लड़कियों का भी एक कमांडो ग्रुप हो, जिन्हें स्पेशल सेल, स्वाट टीम और पराक्रम वीकल्स में तैनात किया जा सके। इसी के लिए इन लड़कियों ने आवेदन किया था। इन लड़कियों को नब्बे दिनों की ट्रेनिंग दी जानी है। स्पेशल कमिश्नर दीपेन्द्र पाठक के मुताबिक ट्रेनिंग के बाद इन महिला कमांडो को पराक्रम व स्वात सहित विभिन्न यूनिटों में तैनात किया जाएगा। इनमें से कई की तैनाती आतंकरोधी पराक्रम वैनों में भी की जाएगी। इस समय इस तरह की दस वैन हैं और सभी में महिला कमांडो की तैनाती की गयी है। उन्होंने कहा कि ऐसी पंद्रह और वैनों की योजना है और इन सभी में महिला कमांडो की तैनाती की जाएगी। इन महिलाओं की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस में महिला कमांडो की संख्या बढक़र सौ हो जाएगी।

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