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बड़ी डील: मोदी सरकार जल्द खरीद सकती है 'मेक इन इंडिया' की शर्त पर 200 लड़ाकू विमान

विदेशी निर्माताओं से 200 सिंगल इंजन लड़ाकू विमान खरीद सकता है, लेकिन इसके लिए भारत ने विदेशी निर्माताओं से मेक इन इंडिया की शर्त रखी है। सुरक्षाबलों के आधुनिकीकरण और लड़ाकू क्षमता में तेजी से विस्तार के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जो देश का सबसे बड़ा सैन्य विमान सौदा होगा। एयरफोर्स ऑफिशियल्स के मुताबिक इस सौदे के तहत लड़ाकू विमानों की संख्या 300 तक पहुंच सकती है। क्योंकि सोवियत शासन काल में बने सभी पुराने विमानों को हटाने की तैयारी में है।

tiwarishalini
Published on: 29 Oct 2016 10:56 PM GMT
बड़ी डील: मोदी सरकार जल्द खरीद सकती है मेक इन इंडिया की शर्त पर 200 लड़ाकू विमान
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बड़ी डील: मोदी सरकार जल्द खरीद सकती है 'मेक इन इंडिया' की शर्त पर 200 लड़ाकू विमान

नई दिल्ली : मोदी सरकार जल्द विदेशी निर्माताओं से 200 सिंगल इंजन लड़ाकू विमान खरीद सकती है। इसके लिए भारत ने विदेशी निर्माताओं से मेक इन इंडिया की शर्त रखी है। सुरक्षाबलों के आधुनिकीकरण और लड़ाकू क्षमता में तेजी से विस्तार के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जो देश का सबसे बड़ा सैन्य विमान सौदा (करीब 13 से 15 बिलियन डॉलर) होगा। एयरफोर्स ऑफिशियल्स के मुताबिक इस सौदे के तहत लड़ाकू विमानों की संख्या 300 तक पहुंच सकती है।

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क्या चाहती है मोदी सरकार ?

-मोदी सरकार चाहती है कोई भी लड़ाकू विमान भारत में ही लोकल पार्टनर की मदद से बनाया जाए।

-जिससे घरेलू विमान इंडस्ट्री को बढ़ावा मिले और इससे खर्चीले आयात से भी छुटकारा मिलेगा ।

अगली स्लाइड में पढ़ें फ्रांस के साथ भारत ने कौन सी डील की थी ?

पिछले महीने फ्रांस से हुई थी डील

गौरतलब है कि पिछले महीने ही भारत ने फ्रांस की डासौल्ट कंपनी से 36 राफेल फाइटर प्लेन खरीदने की डील थी। इसके बाद अब भारतीय वायुसेना अन्य अधिग्रहण को जल्द अंजाम देकर अपनी सामरिक शक्ति (ऑपरेशनल स्ट्रेंग्थ) बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

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एफ 16 बनाने वाली अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन जैसी कई कंपनियों ने भारत की शर्तों के साथ भी इस डील में दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी देश में एफ 16 विमान का उत्पादन करने की इच्छुक है मगर वो इन विमानों का दूसरे देशों में निर्यात भी करना चाहती है।

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कंपनी ने ऐसे वक्त इस डिफेंस डील के प्रति अपनी इच्छा जताई है। जब अमेरिका रूस को पछाड़कर भारत को सबसे ज्यादा आर्म्स सप्लायर बनकर उभरा है। स्वीडन की साब कंपनी ने भी अपने ग्रिपेन एयरक्राफ्ट के लिए भारत में एक प्रोडक्शन यूनिट खोलने का ऑफर दिया है।

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