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Indian Labor Union: केंद्र निजीकरण और निगमीकरण की नीतियों पर पुनर्विचार करे, भारतीय मजदूर संघ ने की मांग
Indian Labor Union: भारतीय मजदूर संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के निजीकरण और निगमीकरण की नीतियों के संबंध में पुनर्विचार करे।
Indian Labor Union: भारतीय मजदूर संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार (Central government) पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के निजीकरण और निगमीकरण की नीतियों के संबंध में पुनर्विचार करे। भारतीय मजदूर संघ ने अपनी मांग पर जोर देने के लिए आज नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।
संगठन से जुड़े लोगों ने अपनी 15 सूत्री मांग रखी
इस विरोध प्रदर्शन में यूरेनियम और कोयला खदानों, नॉन कोल प्रतिरक्षा, डाक, रेलवे, बंदरगाह, बिजली इलेक्ट्रॉनिक, अंतरिक्ष टेलीकॉम एविएशन, एफसीआई व अन्य उद्योगों से जुड़े कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान संगठन से जुड़े लोगों ने अपनी 15 सूत्री मांग रखी।
भारतीय मजदूर संघ ने पब्लिक सेक्टर कंपनियों और सरकारी उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने, बीमार उद्योगों को पुनर्जीवित करने, प्रतिरक्षा और रेलवे के निगमीकरण पर रोक, बैंकों के विलय और पब्लिक सेक्टर व बीमा कंपनी के निजीकरण पर रोक, कोल ब्लाक के लिए कमर्शियल माइनिंग की प्रक्रिया पर रोक, पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी क्षेत्रों में स्थाई कामगारों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने, पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी संस्थानों में कार्यरत ठेका मजदूरों को स्थाई करने सहित 15 मांगों की एक सूची केन्द्र सरकार को सौंपी है।
भारतीय मजदूर संघ ने मांगों का सौंपा ज्ञापन
भारतीय मजदूर संघ की ओर से एक प्रतिनिधि मण्डल ने आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। दिल्ली प्रदर्शन से पहले बीएमएस ने अपनी मांगो के समर्थन में श्रमिकों को लामबंद करने के लिए राज्यों की राजधानियों में सात क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किये थे।
आज की रैली में ये रहे मौजूद
आज की रैली को रविन्द्र हिम्मते, एमपी सिंह, एस मलेशम, अशोक शुक्ला, सुरेंद्र पांडे, गिरीश आर्य, रामनाथ गणेशे, डीके पांडेय तथा सभी अखिल भारतीय महासंघों के महामंत्रियों ने संबोधित किया।