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भारतीय मूल के अर्पण दोषी ने तोड़ा रिकॉर्ड, ब्रिटेन में बने सबसे कम उम्र के डॉक्टर

भारत में जन्मे अर्पण दोषी ब्रिटेन में कम उम्र के डॉक्टर बन गए है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड से मेजिसिन की और सर्डरी से ग्रेजुएशन किया है। उन्हें उत्तर-पूर्व इंग्लैंड के एक अस्पताल में बतौर जूनियर डॉक्टर प्रक्टिस शुरू करेंगे।

priyankajoshi
Published on: 20 July 2017 12:04 PM GMT
भारतीय मूल के अर्पण दोषी ने तोड़ा रिकॉर्ड, ब्रिटेन में बने सबसे कम उम्र के डॉक्टर
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नई दिल्ली : भारत में जन्मे अर्पण दोषी ब्रिटेन में कम उम्र के डॉक्टर बन गए है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड से मेडिसिन और सर्जरी में ग्रेजुएशन किया है। उन्हें उत्तर-पूर्व इंग्लैंड के एक हॉस्पिटल में अगले महीने से जूनियर डॉक्टर प्रैक्टिस शुरू करेंगे।

अर्पण की उम्र 21 वर्ष और 335 दिन है। उन्होंने सबसे युवा डॉक्टर बनने का रिकॉर्ड महज 17 दिनों से तोड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछला रिकॉर्ड रशेल फाय हिल ने कम समय में पढ़ाई शुरू की थी। जिन्होंने 2010 में महज 21 वर्ष और 352 दिन में चिकित्सा सेवा शुरू की थी। रशेल मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से चिकित्सा में ग्रेजुएट है।

क्या कहना है अर्पण का?

अर्पण दोषी ने कहा कि 'मैं हमेशा से डॉक्टर बनना चाहता था। मुझे पढ़ाई के दौरान उम्र को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। मानव शरीर आखिर काम कैसे करता है, मैं अक्सर बचपन से इसके बारे में सोचता था। डॉक्टर बनकर दूसरों की मदद करने की भी सोच थी।'

अगले दो साल तक अर्पण यॉर्क टीचिंग हॉस्प‍िटल में जूनियर डॉक्टर के तौर पर प्रैक्ट‍िस करेंगे। इसके बाद वो हार्ट सर्जरी में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं।

फ्रांस में की पढ़ाई

-अर्पण गुजरात के गांधीनगर के रहने वाले हैं।

-उन्होंने 13 साल की उम्र में यहां के एक स्थानीय स्कूल में पढ़ाई की थी।

-उसके पिता भरत एक मेकेनिकल इंजीनियर हैं और इंटरनेशनल फ्यूजन प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर एक्सि एन प्रांत में जॉब मिलने के बाद उनका पूरा परिवार फ्रांस में बस गया था।

-अर्पण अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती फ्लूअंट बोलते हैं।

-अर्पण अगस्त में यॉर्क टीचिंग अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रूप में 2 साल की ट्रेनिंग शुरू कर रहे हैं।

-साल 2009 में अर्पण भी भारत छोड़ फ्रांस पहुंच गए और वहां की लोकर यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया।

-दोषी 16 साल के ही थे, जब एक स्कॉलरशि‍प के लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा पास कर ली।

-इसके बाद अर्पण को शेफील्ड यूनिवर्सिटी ने 13 हजार पाउंड की स्कॉलरशिप दी थी।

-अब अर्पण के पिता फ्रांस से वापस लौट चुके हैं।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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