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Indian Railway: अब ट्रेन में मनमर्जी से नहीं ले जा सकेंगे सामान, रेलवे ने जारी की नई गाइडलाइन
Indian Railway: रेलवे ने भी पैसेंजर डिब्बे में सामान ले जाने को लेकर गाइडलाइन जारी किया है। अब ट्रेन में सफर के दौरान मनमर्जी तरीके से सामान नहीं ले जा सकेंगे।
भारतीय रेलवे (फोटो- सोशल मीडिया)
Indian Railway: अगर आप हाल फिलहाल में ट्रेन के जरिए सफर करने वाले हैं, तो ये आपक लिए जरूरी खबर है। हवाई यात्रा की तरह रेलवे (Indian Railways) ने भी पैसेंजर डिब्बे में सामान ले जाने को लेकर गाइडलाइन जारी किया है। अब ट्रेन में सफर के दौरान मनमर्जी तरीके से सामान नहीं ले जा सकेंगे। आपको रेलवे द्वारा तय कोटा के मुताबिक ही अपने साथ सामान ले जाना होगा। रेलवे ने अत्यधिक समान होने पर यात्रियों को पार्सल कार्यालय जाकर लगेज बुक कराने का निर्देश दिया है।
रेलवे पहले भी ट्रेन में लंबा सफर करने वाले यात्रियों को अधिक सामान न ले जाने की सलाह देता रहा है। हालांकि, इसका कभी सख्ती से पालन नहीं हुआ। नतीजतन, ट्रेन में यात्री अधिक सामान के साथ ट्रैवल कर रहे हैं। इससे यात्रा कर सह यात्रियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इतनी ही नहीं, ट्रेन में अक्सर अत्यधिक सामान यात्रियों के बीच विवाद का मुद्दा भी बनता है। सबसे खराब हालत पीक सीजन के दौरान होती है, जब ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ काफी अधिक होती है और ज्यादा लगेज यात्रा को और कठिन बना देता है।
रेलवे ने तय किया कोटा
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की इस असुविधा को देखते हुए हर कोच के हिसाब से लगेज का कोटा तय किया है। रेलवे के अनुसार, यात्री ट्रेन कंपार्टमेंट्स में 40 से 70 किलो तक का वजन अपने साथ ले जा सकते हैं। स्लीपर क्लास में बगैर किसी अतिरिक्त चार्ज के 40 किलो तक का लगेज लाया जा सकता है। एसी टू टायर में ये कोटा 50 किलो तक का है। वहीं, एसी प्रथम श्रेणी में ये कोटा 70 किलो तक का है, जिसमें आप कुछ चार्ज के साथ 80 किलो तक का सामान ले जा सकते हैं।
लगेज वैन की है सुविधा
रेलवे का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए लगेज वैन की व्यवस्था की गई है। 109 रूपये में यात्री इसे बुक कर अपनी यात्रा के साथ सहयात्रियों की यात्रा भी आरामदायक बना सकते हैं। रेलवे का कहना है कि कोचों में तय मानक से अधिक लगेज पाए जाने पर यात्रियों से अतिरिक्त पैसे वसूले जाएंगे। बता दें कि रेलवे लगातार सुविधाओं में सुधार की कोशिश कर रहा है। ताजा कदम भी इसी कवायद का हिस्सा है।