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Railway Job Fraud: रेलवे में नौकरी के नाम पर नई दिल्ली स्टेशन में ट्रेनें गिनवाईं, करोड़ों की ठगी

Railway Job Fraud: रेलवे में नौकरी पाने के लिए प्रत्येक ने दो से 24 लाख रुपये के बीच की राशि का भुगतान किया था।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 20 Dec 2022 7:45 AM GMT
Indian Railway Job fraud
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Indian Railway Job fraud (photo: social media 

Railway Job Fraud: सरकारी नौकरी के नाम पर एक अनोखी ठगी का मामला सामने आया है जिसमें लोगों को नई दिल्ली स्टेशन पर महीने भर आती – जाती ट्रेनें गिनने के काम पर तैनात किया गया। इस स्कैम का शिकार तमिलनाडु के करीब २८ लोग शिकार हुए जिनसे ठगों ने नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपये ले लिए। इन लोगों को ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान और उनके कोचों की गणना के लिए महीने भर तक हर दिन आठ घंटे के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया था। उन्हें बताया गया कि यह काम यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई), यातायात सहायकों और क्लर्कों के पदों के लिए उनके प्रशिक्षण का हिस्सा था। उनमें से प्रत्येक ने रेलवे में नौकरी पाने के लिए दो से 24 लाख रुपये के बीच की राशि का भुगतान किया था।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में तमिलनाडु के 78 वर्षीय एम. सुब्बुसामी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, जून और जुलाई के बीच हुए एक महीने के प्रशिक्षण के लिए पीड़ितों से जालसाजों के एक समूह द्वारा 2.67 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। एक पूर्व सैनिक सुब्बुसामी ने ही पीड़ितों को कथित जालसाजों के संपर्क में रखा था, लेकिन उन्होंने दावा किया है कि वह इस बात से अनजान थे कि पूरी चीज एक घोटाला था और वह खुद भी उनके जाल में फंस गए थे। प्रत्येक उम्मीदवार ने सुब्बुसामी को 2 लाख रुपये से लेकर 24 लाख रुपये तक का भुगतान किया जिसे बाद में विकास राणा नामक व्यक्ति को दिया गया। राणा बताता था कि वह दिल्ली में उत्तर रेलवे कार्यालय में एक उप निदेशक है। ठगी के शिकार पीड़ितों में से अधिकांश इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा में स्नातक हैं।

सुब्बुसामी ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद से वह बेरोजगार युवाओं की मदद कर रहे हैं। प्राथमिकी में उसने आरोप लगाया है कि वह कोयम्बटूर के निवासी शिवरामन नाम के एक व्यक्ति से दिल्ली के एक एमपी क्वार्टर में मिला था। उस व्यक्ति ने पैसे के बदले बेरोजगारों के लिए रेलवे में रोजगार की पेशकश की थी। सुब्बुसामी ने आरोप लगाया कि शिवरामन ने उन्हें नौकरी चाहने वालों के साथ दिल्ली आने के लिए कहा।

नई दिल्ली के कार्यालय में दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया

प्राथमिकी के अनुसार, सुविधा शुल्क के रूप में पैसे का भुगतान करने के बाद ये संभावित उम्मीदवारों को रेलवे सेंट्रल अस्पताल, कनॉट प्लेस में चिकित्सा परीक्षण के लिए बुलाया गया था, और फिर विभिन्न तिथियों पर कनिष्ठ अभियंता, उत्तर रेलवे, शंकर मार्केट, नई दिल्ली के कार्यालय में दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया। पीड़ितों का कहना है कि राणा उनसे पैसे वसूलने के लिए हमेशा बाहर ही मिलते थे और उन्हें कभी किसी रेलवे भवन के अंदर नहीं ले गए।

उनके अनुसार, प्रशिक्षण के आदेश, पहचान पत्र, प्रशिक्षण पूरा होने का प्रमाण पत्र और नियुक्ति पत्र जैसे सभी दस्तावेज रेलवे अधिकारियों के साथ क्रॉस-वेरीफाई किए जाने पर जाली निकले। एफईआर के अनुसार, दस्तावेज़ सत्यापन के बाद, विकास राणा और उनके सहयोगी दुबे, सभी उम्मीदवारों को अध्ययन सामग्री और किट जारी करने के लिए बड़ौदा हाउस ले गए और उन्हें प्रशिक्षण के लिए जाली / मनगढ़ंत आदेश भी जारी किए। काफी बाद जब इसकी प्रामाणिकता को सत्यापित करने का प्रयास किया तो ये सब नकली निकले।

ईओडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि यह एक नौकरी घोटाला था और आगे की जांच चल रही है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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