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Indian Railway : अगले साल सिक्किम तक पहुंच जाएगी रेलवे, 13 साल से जारी है प्रोजेक्ट

Indian Railway: लक्ष्य है की इस हिमालयी राज्य को भारत के रेलवे मानचित्र पर 2023 के अंत तक रखे दिया जाएगा।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 15 Sep 2022 10:17 AM GMT
Indian Railway
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सिक्किम में भी पहुँच जायेगी रेलवे (फोटो- सोशल मीडिया)

Indian Railway: सिक्किम में भी अब अगले साल तक ट्रेन पहुँच जायेगी। 13 साल से चल रही इस परियोजना का काम अब पूरा होने की उम्मीद नजर आई है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने इस सम्बन्ध में महत्वाकांक्षी सीवोक-रंगपो रेलवे परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य है की इस हिमालयी राज्य को भारत के रेलवे मानचित्र पर 2023 के अंत तक रखे दिया जाएगा। एनएफआर के अधिकारियों के अनुसार, सीवोक-रंगपो के बीच सभी प्रमुख पुलों और सुरंगों का लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस रेलवे रूट के विभिन्न स्थलों पर बुनियादी ढांचे का काम तेजी से चल रहा है।

बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल में स्थित सीवोक और रंगपो (सिक्किम के सीमावर्ती शहर) के बीच रेलवे परियोजना की 14 मुख्य सुरंगों का लगभग 55 प्रतिशत काम खत्म हो गया है। इसके अलावा, मार्ग के साथ आने वाले 13 प्रमुख पुलों का 40 प्रतिशत काम अब तक किया जा चुका है। इस रेल मार्ग पर 39 किमी सुरंग बनाई जाएगी, जिसमें से लगभग 22 किमी में काम खत्म हो गया है। इस परियोजना को 2009 में तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री ममता बनर्जी ने लॉन्च किया था। यह 44.96 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग होगा, जिसमें से 40 किलोमीटर बंगाल में हैं जबकि बाकी सिक्किम के भीतर है।

सीवोक और रंगपो के बीच, तीन और स्टेशन - रियांग, तीस्ता बाजार और मेली - रेलमार्ग के साथ बनाए जाएंगे। जब से यह परियोजना शुरू हुई है, तब से इसके क्रियान्वयन पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि काम की प्रगति अत्यंत धीमी रही है। ये पूरा मार्ग भूस्खलन संभावित क्षेत्र से होकर गुजरता है, जहां निर्माण करना कठिन है। खासकर मानसून के दौरान तो काम लगभग बंद ही हो जाता है। इसके अलावा कोरोना के प्रकोप ने भी काम को प्रभावित किया है।

रंगपो से सिक्किम की राजधानी गंगटोक तक रेल मार्ग

समझा जाता है कि सीवोक-रंगपो परियोजना के पूरा होने के बाद रंगपो से सिक्किम की राजधानी गंगटोक तक रेल मार्ग का विस्तार करने का सर्वेक्षण शुरू हो जाएगा। यह परियोजना सुरक्षा पहलुओं के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सिक्किम भारत-चीन सीमा पर स्थित है। इस परियोजना के पूरा होने से सुरक्षा बलों और उपकरणों की सुचारु आवाजाही में मदद मिलेगी। सिक्किम देश के प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों में से एक है क्योंकि यह सिलीगुड़ी कॉरिडोर के भी करीब है, जो भारत का सबसे पतला हिस्सा है। अब तक सिक्किम से संचार का मुख्य साधन सड़क मार्ग ही रहा है। राज्य में 2018 में पाकयोंग में एक हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया लेकिन खराब मौसम के चलते अक्सर उड़ानें बाधित रहती हैं।

उम्मीद की जा रही है कि ट्रेन मार्ग सिक्किम में पर्यटकों की आमद और औद्योगिक निवेश को भी बढ़ाएगा। राज्य पहले ही फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए एक गंतव्य के रूप में उभरा है। अब और अधिक निवेश की संभावनाएं बन रही हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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