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Railway Track: आखिर क्यों रेलवे ट्रैक पर बिछे होते हैं नुकीले पत्थर, डीटेल में जानिए इसकी वजह

Railway Track : रेलवे ट्रैक पर दौड़ती हुई ट्रेनों को देखने में लगता है कि सब कुछ कितना आसान है। लेकिन जितना साधारण ये लगता है कि उतना है नहीं।

Vidushi Mishra
Published on: 8 July 2022 12:18 PM IST
Railway Track
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रेलवे ट्रैक (फोटो- सोशल मीडिया)

Railway Track : भारतीय रेल एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यहां के हर राज्य में रेल लाइन का जाल सा बिछा हुआ है। इन रेलवे ट्रैक और लाइन को देखने पर कई बार मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। ऐसा ही एक सवाल ये है कि रेलवे ट्रैक पत्थर बिछे रहते हैं। ट्रैक पर बिछे पत्थर नुकीले-क्रंक्रीट के क्यों होते हैं? जबकि इन पत्थरों का रेलगाड़ी यानी ट्रेन से कोई मतलब नहीं होता। फिर ऐसा क्यों?

इस सवाल का जवाब पूछने पर लोग यही जवाब देते हैं कि जब से ट्रेन का आविष्कार हुआ है तब से ही ट्रैक पर ये पत्थर बिछाए जा रहे हैं। लेकिन ये कई वाजिब कारण नहीं है। चलिए आपको बता दें कि पटरी में गिट्टी बिछाने के पीछे बहुत सी बड़ी वजह हैं।

रेलवे ट्रैक पर स्लीपर्स की जरूरत

रेलवे ट्रैक पर दौड़ती हुई ट्रेनों को देखने में लगता है कि सब कुछ कितना आसान है। लेकिन जितना साधारण ये लगता है कि उतना है नहीं। रेलवे ट्रैक को कई परतों में बनाया जाता है। ट्रैक में पत्थर भी बिछाए जाते हैं। ट्रैक पर इन पट्टियों के बीच में छोटी-छोटी पट्टियां दिखाई देती हैं। इस पर लोहे का ट्रैक टिका होता है। इनको स्लीपर्स कहते हैं।

ट्रैक पर छोटी-छोटी पट्टियां जिन पर लोहे का ट्रैक टिका रहता है इन स्लीपर्स का काम पटरियों पर ट्रेन का भार पटरियों पर पड़ने वाले वजन को संतुलित करने के लिए होता है। ट्रैक पर इसके अलावा नुकीले पत्थरों को डाल दिया जाता है। इन नुकीले पत्थरों को डालने के पीछे बड़ी वजह है।

ट्रैक पर नुकीले पत्थर डालने के पीछे की पहली वजह

दरअसल रेलवे ट्रैक पर जब ट्रेन बहुत तेज रफ्तार से चलती है तो ट्रैक पर बिछे नुकीले पत्थर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। जिससे ट्रैक पर बिछे पत्थरों से ट्रेन का बैलेंस बना रहता है। पहले समय में रेलवे ट्रैक में स्पीपर्स लकड़ी के बने होते थे, जोकि मौसम और बारिश से गल जाती थीं। जिससे रेल हादसा का बहुत खतरा बना रहता था। इन रेलवे ट्रैक के पत्थर कंक्रीट की स्लीपर्स को मजबूत, लंबे समय तक संतुलन देने में मदद करता है। जिससे ट्रेन में तेज रफ्तार में दौड़ती है।

नुकीले पत्थरों की दूसरी वजह

नुकीले पत्थरों से जब ट्रेन गुजरती है तो पूरे ट्रेन में बहुत कंपन और रगड़ने से शोर होता है। ऐसे में नुकीले पत्थर होने से इसका शोर कम हो जाता है। साथ ही पत्थरों के होने की वजह से पेड़ों का उगना रूक जाता है।

ऐसे बनते हैं ट्रैक पर बिछे गिट्टी-पत्थर

रेलवे ट्रैक पर बिछी गिट्टी-कंक्रीट के बनाने की प्रोसेस कुछ आसान नहीं है। इन पत्थरों को बनाने के लिए ग्रेनाइट, ट्रैप रॉक, क्वार्टजाइट, डोलोमाइट या चूना पत्थर के नेचुरल डिपॉजिट्स का उपयोग करके बनाया जाता है।



Vidushi Mishra

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