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रेलवे को बड़ी कामयाबी: मेक इन इंडिया की तर्ज पर हुआ तैयार, है सबसे शक्तिशाली

भारतीय रेलवे को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दरअसल, रेलवे ने ने 12000 एचपी का अपना सबसे शक्तिशाली ‘मेड इन इंडिया’ इंजन सफलतापूर्वक चलाया है।

Shreya
Published on: 20 May 2020 8:38 AM GMT
रेलवे को बड़ी कामयाबी: मेक इन इंडिया की तर्ज पर हुआ तैयार, है सबसे शक्तिशाली
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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दरअसल, रेलवे ने ने 12000 एचपी का अपना सबसे शक्तिशाली ‘मेड इन इंडिया’ इंजन सफलतापूर्वक चलाया है। स्‍वदेश में ही ज्‍यादा हॉर्स पावर का इंजन बनाने वाला भारत दुनिया का छठा देश बन गया है। भारत अब ऐसा करने वाले देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया है।

अत्‍याधुनिक आईजीबीटी आधारित है इंजन

बता दें कि ये इंजन अत्‍याधुनिक आईजीबीटी आधारित, 3-फेज ड्राइव और 12000 हॉर्स पावर वाले इलेक्ट्रिक इंजन हैं। ये उच्च हॉर्स पावर वाले इंजन मालवाहक ट्रेनों की औसत गति और लदान क्षमता बढ़ाकर अत्‍यधिक इस्‍तेमाल वाली पटरियों पर भीड़ कम करने में मदद करेंगे।

मंगलवार को पहली ट्रेन लेकर रवाना हुई

देश की सबसे शक्तिशाली रेल का परिचालन शुरू हो गया। मंगलवार को पहली ट्रेन 118 माल डिब्बों के साथ दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से धनबाद डिविजन के लिए रवाना हुई। यहां से ट्रेन 118 माल डिब्बों के साथ इंजन बरवाडीह के लिए निकली।

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भारतीय रेलवे और एलेस्ट्रोम ने मिलकर तैयार किया इंजन

देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब हाई हार्स पावर के इंजन का संचालन बड़ी लाइन की पटरी पर किया गया हो। इस इंजन को भारतीय रेलवे ने यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के साथ मिलकर बनाया है। इसे बिहार के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में तैयार किया गया है।

पीयूष गोयल ने कहा भारत के लिए गर्व का पल

रेलवे की इस उपलब्धि पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि Make in India Soars High: भारत के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि रेलवे अपने सबसे शक्तिशाली 12,000 एचपी स्वदेशी लोकोमोटिव का संचालन करता है। मधेपुरा, बिहार में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ निर्मित, भारत उच्च देशी एचपी लोको का निर्माण करने वाला 6वाँ देश बन गया।



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साल 2015 में हुआ था समझौता

बता दें कि साल 2015 में रेल मंत्रालय और यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के बीच रेलवे की सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश परियोजना के तहत 25 हजार करोड़ रुपये का समझौता हुआ था। परियोजना के तहत कंपनी मालगाड़ियों के 12 हजार हॉर्स पावर के 800 इलेक्ट्रिक इंजन बनाएगी अैर 11 साल तक उनका रखरखाव करेगी।

मेक इन इंडिया की तर्ज पर हुआ तैयार

इंडियन रेलवे और यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर इसे तैयार किया है। अब तक भारत में अधिकतम साढ़े तीन हजार टन वजन खींचने वाला ही इंजन बनता थी, जबकि ये इंजन छह हजार टन वजन खींचने में सक्षम है। इस इंजन का नाम डब्ल्यूएजी 12 नंबर 60027 है।

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