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ज्ञान की बात: क्यों ट्रेन के आगे कुचल रहे जानवर, जाने क्यों ड्राइवर नहीं लगाता ब्रेक

Indian Railways: बहुत बार मन में ये ख्याल आता है कि ट्रेन के ड्राइवर को तो पता चल जाता होगा, जब भी कोई ट्रेन की पटरी पर आता होगा। तो फिर वो ब्रेक क्यों नहीं लगाता है।

Vidushi Mishra
Published on: 17 Jun 2022 8:14 AM GMT
Train
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ट्रेन (फोटो-सोशल मीडिया)

Indian Railways: ट्रेनें जिस पटरी से होकर गुजरती हैं, उन पटरियों को हमेशा साफ सुथरा रखा जाता है। बीच-बीच में पटरियों की मरम्मत भी होती रहती है। लेकिन अक्सर ट्रेनें जंगलों वाले रास्ते से होकर गुजरती हैं, जहां पर कई जानवर चलती ट्रेनों के आगे आ जाते हैं और ट्रेनें बिना रुके आगे बढ़ जाती हैं। जिसके चलते कई बार पटरियों पर जानवरों के मृत शरीर के साथ इंसानों के मृत शरीर भी पड़ें मिलते हैं।

ऐसे में बहुत बार मन में ये ख्याल आता है कि ट्रेन के ड्राइवर को तो पता चल जाता होगा, जब भी कोई ट्रेन की पटरी पर आता होगा। तो फिर वो ब्रेक क्यों नहीं लगाता है। जिससे किसी के भी ट्रेन के आगे कुचलने से जान बच जाए। क्या वजह है जिससे ड्राइवर ब्रेक लगाने में इतनी विचार करता है। चलिए देखते हैं कि क्या वजह होती है।

ट्रेन के ब्रेक

ट्रेन किसी साधारण चार पहिए वाली गाड़ी की तरह नहीं होती है। वो बहुत भारी होती है। उसमें से ट्रेन अपने साथ कई डिब्बों को लेकर चलती हैं। जिनमें सामान, यात्रियों का भार, माल सब ढोना पड़ता है। ऐसे में जब ट्रेन एक रफ्तार पकड़कर चलती है तो उसका रुकना काफी मुश्किल हो जाता है। क्योंकि ट्रेन में जो ब्रेक होते हैं, वह एक प्रेशर से काम करते हैं।

और तो और ट्रेन में कोई बहुत खास ब्रेक नहीं लगे हुए होते हैं। बल्कि वहीं ब्रेक लेगे होते हैं जो कि सामान्य वाहन में लगे होते हैं। बस फर्क ये होता है कि इन सभी ब्रेक्स को ट्रेन के हर पहिए पर लगाया गया होता है।

जिसके चलते अगर ट्रेन का ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक लगाए भी तो ट्रेन कम से कम 1 किलोमीटर दूर जाकर रूकती है। साथ ही ट्रेन का रुकना इस पर भी सबसे ज्यादा निर्भर करता है कि आखिर ट्रेन का वजन कितना है। क्योंकि ट्रेनें अधिकतर फुल होकर चलती हैं।

तो ऐसे में अगर ब्रेक पाइप से प्रेशर दिया जाता है, तब उससे ट्रेन लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पार करते हुए रूकती है। फिर जब ट्रेन के डिब्बे में लीवर को खींचते हैं, उन्हें भी ऐसा ही कुछ होता है जिससे ट्रेन रुक जाती है।

अब अगर ट्रेन का ड्राइवर ट्रेन को रोकना भी चाहता है तो उसे बहुत दूर से देख लेना चाहिए कि ट्रेन की पटरी पर कौन है। तो रुक सकती है। लेकिन अगर कोई अचानक से सामने आ जाए, तो ट्रेन का ड्राइवर ब्रेक लगाने के बाद भी कुछ नहीं कर सकता।

इसके अलावा जब ट्रेन की पटरी मुड़ रही होती है उस समय भी ट्रेन के ड्राइवर के लिए बहुत परेशानी खड़ी हो जाती है। क्योंकि जिस समय ट्रेन मुड़ती है उस समय ब्रेक लगाना बहुत मुश्किल होता है। तो अब ड्राइवर किसी को देखकर भी जानबूझकर नहीं कुचलता है, बल्कि ट्रेन ड्राइवर अपनी तरफ से सारी कोशिश करता है कि कोई भी ट्रेन से न कुचले। लेकिन ऐसा कोई सिस्टम नहीं होता है कि ट्रेन गाड़ियों की तरह तुरंत ही रुक जाए।


Vidushi Mishra

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