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Social Media: इंफ्लुएंसर के प्रभाव में भारतीय युवा कर रहे खरीदारी, सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े
Social Media: एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट कहती है कि 70 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता कोई उत्पाद सिर्फ इसलिए खरीद लेते हैं क्योंकि किसी इंफ्लुएंसर ने उनकी सिफारिश की है। काउंसिल की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है।
Social Media: इंफ्लुएंसर हमारी जिंदगी में कितना प्रभाव डालते हैं इसका अंदाज़ा इसी से लगा लीजिए कि 70 फीसदी भारतीय अपनी खरीदारी किसी न किसी सोशल इंफ्लुएंसर की सिफारिश के प्रभाव में आ कर करते हैं।
सोशल मीडिया पर नज़र
एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट कहती है कि 70 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता कोई उत्पाद सिर्फ इसलिए खरीद लेते हैं क्योंकि किसी इंफ्लुएंसर ने उनकी सिफारिश की है। काउंसिल की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है। कि हर दस में से सात उपभोक्ता इंफ्लुएंसर की सिफारिश पर अमल करते हैं जबकि जिन लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया उनमें से 90 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने कम से कम एक चीज ऐसी खरीदी जिसे किसी इंफ्लुएंसर ने प्रमोट किया था।
सर्वे में 61 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्होंने तीन या उससे ज्यादा चीजें इसलिए खरीदी क्योंकि किसी इंफ्लुएंसर ने उनकी तारीफ की थी। इंफ्लुएंसर से प्रभावित होने वाले लोगों में सर्वाधिक लोग 25 से 44 वर्ष के पाए गए।काउंसिल ने देशभर के 18 शहरों में सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
ओवर प्रोमोशन
इंफ्लुएंसर ट्रस्ट रिपोर्ट नाम से जारी यह सर्वे कहता है कि पारदर्शिता की कमी, सामग्री का दोहराव और जरूरत से ज्यादा प्रमोशन लोगों को अच्छा नहीं लगता है और ऐसे मामलों में वे उत्पाद से किनारा कर लेते हैं। सर्वे में शामिल 58 प्रतिशत लोगों ने कहा कि किसी ब्रांड से जुड़ने पर कोई इंफ्लुएंसर ज्यादा विश्वसनीय हो जाता है। 64 फीसदी उपभोक्ताओं का मानना था कि किसी इंफ्लुएंसर से जुड़ने पर ब्रांड ज्यादा भरोसेमंद हो जाता है। 79 प्रतिशत लोग सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों को भरोसेमंद मानते हैं।
विज्ञापनों पर भरोसा
सर्वे में शामिल 91 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे विज्ञापनों पर भरोसा करते हैं। इनमें से 42 प्रतिशत को तो पूरा भरोसा है जबकि बाकी 49 प्रतिशत कुछ हद तक भरोसा करते हैं।
नई चीज है सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर
भारत में आठ - दस साल पहले तक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर नाम का कोई पेशा या उद्योग नहीं था। लेकिन अब यह सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक बन चुका है। हाल के सालों में उपभोक्ता और ब्रांड, दोनों ही फिल्म और अन्य क्षेत्रों की मशहूर हस्तियों के बजाय सोशल मीडिया पर मशहूर लोगों या इंफ्लुएंसर के पास जा रहे हैं। इसकी वजह लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर अन्य माध्यमों की अपेक्षा ज्यादा वक्त बिताना है। लोग अमूमन रोजाना दो से तीन घण्टा सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं।