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Ranveer Allahabadia ने सुप्रीम कोर्ट से कहा 280 कर्मचारियों के आजीविका का सवाल है, आदेश पर दायर किया आवेदन

India's Got Latent case: रणवीर इलाहाबादिया के पास 280 कर्मचारी हैं और यह उनकी आजीविका है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इंडियाज गॉट लेटेंट शो को अश्लील नहीं माना है।

Sakshi Singh
Published on: 3 March 2025 4:03 PM IST (Updated on: 3 March 2025 4:12 PM IST)
Indias Got Latent case Ranveer Allahabadia filed application in Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट

India's Got Latent case: इंडियाज गॉट लेटेंट मामले में यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक हिस्से को हटाने की मांग की है। जिसमें उन्हें अपने शो प्रसारित करने से रोक दिया गया था ।

दायर आवेदन में रणवीर इलाहाबादिया की ओर से कहा गया है कि उनके पास 280 कर्मचारी हैं और यह उनकी आजीविका है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इंडियाज गॉट लेटेंट शो को अश्लील नहीं माना है।

इंडियाज गॉट लेटेंट केस में सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने जिज्ञासा से शो देखा, और यह अश्लील नहीं है, लेकिन विकृत है। हास्य एक चीज है, अश्लीलता एक चीज है, और विकृतता दूसरे स्तर की है।

सर्वोच्च न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल के इस कथन पर ध्यान दिया कि हमारे समाज के ज्ञात नैतिक मानकों के संदर्भ में स्वीकार्य नहीं होने वाले कार्यक्रमों के प्रसारण या प्रसारण को रोकने के लिए कुछ विनियामक की आवश्यकता हो सकती है।

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र की ओर से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल से विचार-विमर्श करने और कुछ उपाय सुझाने को कहा, जो मुक्त भाषण और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार पर अतिक्रमण न करें, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रभावी भी हों कि यह 19(4) के दायरे में हो।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में कोई भी मसौदा विनियामक उपाय सार्वजनिक डोमेन में रखा जा सकता है, ताकि इस संबंध में कोई विधायी या न्यायिक उपाय करने से पहले हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए जा सकें। सर्वोच्च न्यायालय ने असम के जांच अधिकारी से इलाहाबादिया के जांच में शामिल होने के लिए तिथि और समय तय करने को कहा।

विदेश में अतिथि के रूप में विदेश यात्रा करने की अनुमति देने के इलाहाबादिया के अनुरोध के संबंध में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जांच में शामिल होने के बाद इस अनुरोध पर विचार किया जाएगा और उक्त उद्देश्य के लिए अब इसकी आवश्यकता नहीं है।

सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा कि गिरफ्तारी से उन्हें दी गई अंतरिम सुरक्षा जारी रहेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रदर्शन नहीं किया जा सकता जिसका मामले के गुण-दोष पर असर पड़ता हो।

Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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