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Indo-Nepal Border Dispute: नेपाल ने भारत की 5 हेक्टेयर भूमि का किया अतिक्रमण, SSB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Indo-Nepal Border Dispute: सशस्त्र सीमा बल ने अपने रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल ने उत्तराखंड के चंपावत स्थित भारत–नेपाल सीमा पर 5 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण कर बैठा है।
Indo-Nepal Border Dispute: चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत (Indo-China Border Dispute) को परेशान करने वाली एक और खबर सामने आई है। पड़ोसी देश नेपाल पर भारतीय जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। भारत – नेपाल सीमा (Indo - Nepal Border) पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल उत्तराखंड के चंपावत (Champawat of Uttarakhand) स्थित भारत – नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) पर 5 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण कर बैठा है। एसएसबी (SSB) ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है।
एसएसबी के कमांडेंट अभिनव तोमर (SSB commandate Abhinav Tomar) ने बताया कि नेपाल ने यह अवैध कब्जा हाल-फिलहाल में नहीं बल्कि वर्षों में किया है। अब सर्वे ऑफ इंडिया (survey of india) और सर्वे ऑफ नेपाल (survey of Nepal) की टीम इस विवाद को हल करेंगी। वहीं, उत्तराखंड के वन विभाग (Forest Department of Uttarakhand) का कहना है कि नेपाल ने बीत 30 सालों में उसकी जमीन पर कब्जा करके मकान और झुग्गी – झोपड़ियां बना ली हैं।
अधिकारी कई बार केंद्र और राज्य सरकार को कर चुके हैं आगाह
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जगह को लेकर कई बार भारतीय और नेपाली अधिकारियों में विवाद हो चुका है। इलाके के रेंजर महेश बिष्ट का कहना है कि उन्होंने ने भी कई बार राज्य सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय को इसे लेकर रिपोर्ट भेजी है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं कुछ अन्य अधिकारियों का कहना है कि 2010 से 2021 के बीच तीन बार गृह मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। ऐसे में इस संवेदनशील मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों का ढुलमुल रवैया उनके गंभीरता पर सवाल खड़े करता है।
नेपाल के साथ भारत का सीमा विवाद
नेपाल भी भारत के उन पड़ोसियों में शामिल है, जिसके साथ उसका पुराना सीमा विवाद है। इसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापीनी को लेकर विवाद काफी गहरा है। पूर्व नेपाली पीएम केपी ओली के समय तो इस विवाद के कारण दोनों देशों के संबंध काफी खराब हो गए थे। दरअसल नेपाल उत्तराखंड स्थित लिपुलेख को अपना इलाका बताता है। यह क्षेत्र भारत, नेपाल और चीन की सीमा पर मौजूद है। लिहाजा भारत के लिए इसका काफी सामरिक महत्व है।